QUOTES ON #हिमांशु_यादव

#हिमांशु_यादव quotes

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12 MAY 2019 AT 8:36

#माँ

माँ तू अम्बर, माँ तू धरणी,
है तू अग्नि की ज्वाला माँ।
दरिया तू है, तू ही समंदर,
तू है अमृत का प्याला माँ।

सूरज है तू, चाँद भी तू है,
तू तरुवर की छाया माँ।
तेरी ममता के आलोक से,
वह ईश्वर भी शरमाया माँ।

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30 MAY 2019 AT 0:03

#बड़ी बहन

खुश होती थी सोचकर कि भाई आयेगा,
नहीं पता था वही मेरी जुदाई लायेगा।

गोद छीना माँ का और छीन लिया दुलार,
पापा का कँधा छीन चुरा लिया सब प्यार।

थप्पड़ भी बन जाती है अब माँ की थपकी,
कोई नहीं सुलाता जब आती है झपकी।

कहते हैं सब, ना कर हल्ला, सो रहा है,
किसे बताऊँ दिल मेरा अब रो रहा है।

खोकर सारा प्यार अकेली रहती हूँ,
उस छुटकू के नखरे सारे सहती हूँ।

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2 JUN 2019 AT 18:47

#इंसाँ और परिंदा

ऐ कुदरत तेरे घर के हम बाशिंदा हो गये।
खुदा की रहमत थी कि इंसाँ नहीं परिंदा हो गये।

उड़ता देखता हूँ कपटी और लालची मनुष्य,
उनके कर्मों से ये खग भी शर्मिंदा हो गये।

है अपार बुद्धि, पर कुटिलता भी कम नहीं,
उस कुटिल बुद्धि से जाति ये चुनिंदा हो गये।

खुदा ने कसर नहीं छोड़ी इक इंसाँ बनाने में,
पर किस श्राप से ये आज इक दरिंदा हो गये ?

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3 NOV 2019 AT 18:40

#कुंडलिया

कैसे घटी दुर्घटना, बहे नयन-जल धार।
अंगारे बरसन लगे, थमने लगी बयार।।
थमने लगी बयार, सब त्राहि- त्राहि पुकारे।
है तैयार मुखाग्नि, प्राण अब कौन उबारे ?
लिखता हूँ पछताय, लखन जी हारे कैसे ?
शक्ति बाण का वार, कहो अब टारे कैसे ?

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24 MAY 2019 AT 9:02

कि ऐसा काश हो जाता,
मैं उनका खास हो जाता।

कि उनके गम जलाने को,
मैं सूखी घास हो जाता।

उनके आँसू छुपाने को,
मैं सावन मास हो जाता।

कि ऐसा काश हो जाता,
मैं उनके पास हो जाता।

कि उनके आस-पास हूँ मैं,
उन्हें आभास हो जाता।

मेरी तमाम कोशिशों पर,
तनिक विश्वास हो जाता।

उनके दो दुःख भुलाने को,
मैं खुशी पचास हो जाता।

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7 AUG 2019 AT 22:54

गाँव को गाँव ही रहने दो साहब, शहर मत बनने दो,
जो अमृत घुला है रिश्तों में, उसे ज़हर मत बनने दो।

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24 MAY 2019 AT 23:21

#रोना पड़ता है

गर इश्क़ करना है तो खुद को खोना पड़ता है,
दिन रात गम के आँसुओं को रोना पड़ता है।

एक सिलसिला चलता है रूठने- मनाने का,
उन रूठे तिमिर में भूखे पेट ही सोना पड़ता है।

बहुत ही शीघ्र आती है ये नाराजगी उनकी,
हर रोज खुशी का एक बीज बोना पड़ता है।

फ़रमाइशें करती हैं वो सब बन्द आँखों से,
करके अपनी ज़ेब ढीली, भार ढोना पड़ता है।

वो गलतियाँ करें तो हँस के टाल देना तुम,
खुद को ही हर बार अपराधी होना पड़ता है।

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24 MAY 2020 AT 9:32

कदम- कदम चलते हुए, छाले उभरे पाँव।
पैर को बस भूख दिखी, न धूप दिखी न छाँव।।

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21 AUG 2019 AT 8:00

दोहा ( #13-11)

नयनों से नयना मिले, जुड़े हाथ से हाथ।
देख पिता को सामने, छूटा तेरा साथ।।
🤣🤣

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17 JUN 2019 AT 23:34

#पिता

पकड़ के तेरी उँगली मुझे जीना आ गया।
दुःख दर्द भरे आँसुओं को पीना आ गया।

छप्पर पे नयी घास चल फिर से बाँध लें,
देख फिर ये भादो का महीना आ गया।

ऐसी मेहनत है मेरी कि दर्द बह जाएगा,
वो डूब सकें इतना पसीना आ गया।

कुछ कर्म करूँ ऐसा कि नाम हो तेरा,
तू बोल उठे गर्व से नगीना आ गया।

तिलक लगाये घूमूँ मैं सारे धाम की,
जो तू मिले तो लगता है मदीना आ गया।

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