|| मधुशाला ||
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[ कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें! ]-
18 JAN 2022 AT 8:59
अंगूरों की कुर्बानी, यहां ज़ाया नहीं जाएगी,
यह यारों की महफिल, सूखी नहीं जाएगी।-
18 JUL 2021 AT 8:41
जीवन में एक सितारा था
माना वह बेहद प्यारा था
वह डुब गया तो डुब गया
अम्बर के आनन को देखो
कितने इसके तारे कुटे
कितने इसके प्यारे छूटे
जो छुट गए फिर कहां मिले
पर बोलो टुटे तारों पर
कब अम्बर शोक मनाता है
जो बीत गई सो बात गई
----- हरिवंशराय बच्चन
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27 NOV 2021 AT 20:56
मदमस्त तेरी नशीली-आंखे डुबाने वाली है,
मेरा यार, एक चलता-फिरता मयखाना हैं।-
27 NOV 2022 AT 14:36
मधुशाला की मद-मस्ती में देखों, झूम रहा संसार,
बस मतलब के धागों में गुथा बैठा हुआ यह संसार।-