कबीरा खड़ा बाज़ार में, खड़ा खड़ा थक जाए,
भरी जून की गर्मी में, कोई पानी उसे पिलाये।
सुखी जीभ को होठों फेरे, दोहे रहा सुनाए,
आजू बाजू डिस्को वाले, उसको रहे हटाए।
हरिमन सोचे दूर खड़ा, कबीरा कौन बचाये,
आता जाता धक्का देवे, गाली सबसे खाये।
हरिमन बाँचे बात पते की सुनले सब कविराय,
ज्ञान बाटियो पाछे, पहले अपनी जान बचाये।।
🌷हरिमन🌷
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14 JUN 2022 AT 18:05
12 JUN 2022 AT 18:18
हीरा खोद निकालिये, चमक बड़ी ललचाये।
न चूल्हे में आग भरे, और न ही चाबा जाए।।
हरिमन चूल्हे वास्ते, खुद को यूं जलाए।
मैं वो कोयला किजियो, रिश्तों गर्मी लाये।।-
12 JUN 2022 AT 18:07
सूरत दाता देन रही, श्रृंगार करे चमकाए।
हरिमन चित्त स्वांरिये, बस थोड़ा मुस्काये।।
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12 JUN 2022 AT 17:44
कीमत मन की जानिए, जा में बसे विचार।
हरिमन तन मिट्टी भया, कबहु तजे संसार।।-