अब तो
तुझे छोड़ने का
इरादा कर लिया मैंने
चल रही है फिर भी ये
उदासी मेरे ही साथ क्यों..??✍️-
ज्यों मिल जाती हैं
पानी की बंदे
प्यासी धरती मे
तू भी मिल जाए मुझको
किसी तरह..
ज्यों मिल जाते हैं
रात और दिन
ढलते ढलते
तुम भी मिल जाना मुझे
इसी तरह...✍️-
देखा करता था ख्वाबों में
अब दिल उनसे ही डरता है
अक्सर ख्वाबों में आकर
एक ख़्वाब परेशां करता है-
गिर रहा हूं
सम्हल रहा हूं
याद तेरी साथ लेकर चल रहा हूं
कहां जाना है
कहां है मेरी मंज़िल
कुछ ना पता
बस सफ़र कर रहा हूं
है हर सफ़र मेरा तेरे वास्ते
मिल जाना तुम मुझे
वहीं कहीं
जहां मिल जाएं
प्यार के ये टेढ़े मेढ़े रास्ते...✍️-
खुश रहूं मैं कैसे__ कैसे ये दिल खुशगवार हो..
खुदा! करे तुझे भी इश्क़ हो किसी से
और बे_शुमार हो...✍️-
दिल का दर्द सीने की जलन लिखते हैं
कांटों की सादगी फूलों की चुभन लिखते हैं
लिखने पे आ जाएं तो क्या क्या लिख दें
हम सुख़न-वर हैं साहब हर सुख़न लिखते हैं...✍️-
अपनी रूह से कब हम तुझे जुदा मानते हैं
तुझे ही अपना कातिल तुझे ही हम ख़ुदा मानते हैं...✍️-
ये बादल, ये बारिश, ये मौसम खुशी नहीं देते अब तो
ये आखें ही बरसती है तेरी जब याद आती है...✍️-