Swati Rai 31 MAY 2019 AT 11:53 जब-जब हुआ है खिलवाड़तब-तब काल बनी हैप्रकृति हो या स्त्री... - Swati Rai 4 JUN 2019 AT 0:05 कमरे की हर एक चीज़ को सलीक़े से रखती है वोअंदर जो बिखरा पड़ा है उसे भुलाने की कोशिश में... - Swati Rai 5 DEC 2018 AT 13:32 मर रही है इंसानियत यहाँ..धर्म जो अमर हो रहा है..!! - Swati Rai 15 AUG 2018 AT 7:06 सबने मज़हबी चोलियाँ जला दी है,फ़िजा में महकी जश्न-ए-आज़ादी है! - Swati Rai 4 DEC 2018 AT 12:15 Pehle sirf 1 challengeYQBaba perday deta tha!!Fir 2 challengeYQBaba aur YQDidi milne lga!!Aur ab 3 challengeYQBaba,YQDidiaur YQBhaijaanroj milta hai!! - Swati Rai 14 JAN 2019 AT 23:03 टूटा होगा शहर का भी दिल कभी,यूँ ही नहीं भागा-भागा ये फिरता है। - Swati Rai 8 JUN 2019 AT 1:02 मैं क़ायल हूँ तेरी इस ख़ूबी की यारा जो तू सबको एक सी मोहब्बत देती है - Swati Rai 1 JUN 2019 AT 15:18 सफ़र ये ज़िंदगी का मुझको क्या मंज़र दिखाएगामैं कोशिश कर भी लूँ पर कुछ ना कुछ तो छूट जाएगा - Swati Rai 11 JUL 2019 AT 21:05 बहुत शोर के बाद ख़ामोशी का छा जानाकि बस यूँ ही होता समझदारी का आना। - Swati Rai 30 JAN 2018 AT 13:24 शब्द हीं कंगना, शब्द हीं गहना, शब्द हीं श्रृंगार है,ओढ़ ली मैंने शब्दों की चुनर,आया प्रीत में निखार है! -