है अभिनंदन आपका, मातृभूमि पर वीर
गर्व रहेगा आप पर, हे शूर- शूरवीर...!!
दुश्मन के खेमे गये, रख अंगद सा धीर
जाँ की बाजी थी लगी, झुके नहीं पर वीर..!!
बने वही तो वीर हैं, हारते न विश्वास
जाँ जाये तो देश हित, है वीरों की आस...!!
सकुशल लौटें आप घर, लौटे तब मधुमास
सूख रहा था कंठ अब, लौट रही है आस...!!
लौटाना तय था अगर, लौट रहे हैं वीर
इस समय राजनीति तुम, करते क्यों बन कीर..!!
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