"शिव" ही वो सत्य है जो मुझे सजाए रखे हैं,
इस ज़हरीली दुनियां से मुझे बचाए रखे हैं।-
वो महाशक्ति है, वो अनंत आदिरूप है,
वो नटराजन सब बंधनों से मुक्त है,
रुद्र रूप धारण करे तांडव का विश्वरूप है।-
क्रोध हर समय पलता है मुझ मैं
रुद्र जो रहता है मेरे साथ मैं,
वो वैरागी होकर भी शिवशक्ति हो गया
हम तो खो गए उसके वैराग में।-
यदि प्रेम पवित्र हो तो आधा अंग बन जाए,
ओर यदि प्रेमी वैरागी हो तो अर्धनरेश्वर बन जाए।-
कुछ वक्त से शांत बैठा है, बता किस बात को दिल पे लिए बैठा है,
तुझे जरूरत नहीं मेरी ये मुझे पता है, तू जरूरत है सबकी ये संसार को पता है,
अपनी आंखे खोल दे महादेव, मेरी धड़कनों में सिर्फ तू ही बसा है।-
तेरे होते हुए
मेरा ये हाल हो रहा।
तू साधना में लीन रहा
ओर मैं वैरागी बन रहा।
वियोग देख तेरा
मैं भी प्रेम से दूर रहा।
प्रेम क्या होता है
ये भी तुझ से जान रहा।
आदी का साधक बन
मैं भी शक्ति के समीप आ रहा।-
अपनी शान को अहंकार में तब्दील होने का अवसर मत दिया करो,
शान को शव मैं तब्दील होते शिव वक्त नहीं लगाते।-
शिव ही अंत है
शिव ही अनंत,
शिव ही शांत है
शिव ही तांडव,
शिव ही शून्य है
शिव ही पूर्ण,
शिव ही शान है
शिव ही शमशान,
शिव ही काल है
शिव ही महाकाल।
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इस वक्त तेरी जरूरत सबको है,
तू क्यों विध्वंश करने मै लगा है,
क्या तेरे ध्यान में ये संसार नही,
क्या तेरे डमरू में वो नाद नही,
क्या तेरा त्रिशूल केवल विद्वंशक है,
क्या पश्याताप हमारा दंड नहीं,
क्या संसार की टूटती सांसों को
जीवन देने का तेरा काम नही।-