QUOTES ON #शोभांश

#शोभांश quotes

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तेरी गोद में सर रख कर सोना चाहता हूँ माँ,
एक बार तेरे गले लग कर रोना चाहता हूँ माँ,

नहीं चाहिए इस दुनिया की कोई दौलत मुझे,
मैं बस तेरी ओढ़नी का बिछौना चाहता हूँ माँ।


शैलेन्द्रा शर्मा (शोभांश)

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शिकायत ये नहीं कि तूने तकलीफ़ बहुत दी ऐ जिंदगी,
हाँ, ग़िला ये ज़रूर है कि कभी दिलासा नहीं दिया।

शैलेन्द्रा शर्मा (शोभांश)

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कुछ इस तरह से होती है बयान दास्तान-ए-कश्मकश-ए-होश,
कि दर्द-ए-दिल-ओ-जाँ बिखर जाते हैं काग़ज पर स्याही बन कर।


डाॅ शैलेन्द्रा शर्मा (शोभांश)

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दर्द तो बहुत हैं इस दिल में मगर,
बयाँ करने के लिए शब्दों का साथ नहीं है,

ख़ामोशियाँ समझ सको तो ठीक है,
वरना कहने को तो अब कोई बात नहीं है।

शैलेन्द्रा शर्मा (शोभांश)

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दिन बदला, तारीख़ बदली और एक साल बदला
न ग़म बदला, न दर्द बदला और न ही हाल बदला

वो जो पूछते हैं कि कैसा रहा दो हज़ार इक्कीस
क्या बताएं किस कहर में ये गुज़श्ता-साल बदला

न जाने कितनों ने खोया याँ कोई न कोई अपना
न जाने कितनों पर ये साल हो इक बवाल बदला

हर पल में बस ढूँढते ही रहे कुछ नए जवाब सब
जब कि कभी नहीं जिंदगी का इक सवाल बदला

क्या पाया, क्या खोया अब इसका *तर्जुमा कैसा
बस ये समझ लीजे कि ये साल इक मलाल बदला

किन अल्फाज़ में ब्यां करे मुसाफ़िर अपना सफर
किस्मत से मात खाई जब भी अपनी चाल बदला।

डाॅ शैलेन्द्रा शर्मा (शोभांश)

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आँसू तो नही बहते लेकिन
लिक्ख़ कर दर्द बहा लेते हैं,

लबों से कुछ न कह के भी
सारा किस्सा सुना देते हैं,

शैलेन्द्रा शर्मा (शोभांश)

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Everyone has his own shoes to wear,
Everyone has his own thorns to bear,
Not everyone can write miseries in poems,
Everyone has his own way to shed tears.


Dr. Shailendra Sharma (शोभांश)

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जो चला गया वो दिल था,
जो रह गईं बस यादें हैं

खालीपन है सदियों का,
और अनसुनी फरियादें हैं।


By Shailendra Sharma (शोभांश)

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भूला हुआ इक वादा बिसरी हुई इक याद
इक अनसुनी दुआ इक अनकही फरियाद,

इक किताब के पन्नों में दबे मिले मुझको
ये चन्द खज़ाने आज कई बरसों के बाद।

✍🏻डाॅ शैलेन्द्रा शर्मा (शोभांश)

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एक पल के गुज़र जाने को यूँ तो एक पल ही काफ़ी है मगर,
तुम्हारी याद का एक पल भी.. गुज़रता है सदियों की तरह।

✍🏻 शैलेन्द्रा शर्मा (शोभांश)

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