सज रहा है आसमान सज रही है ये जमीं
वसंत आ रहा बता रही वसन्त पंचमी।
चमन में फूल खिल रहे हैं, कूकती हैं कोयलें
गगन में उड़ रहे विहग लगा के होड़ बढ़ चलें।
सुगंध है समीर में, है मंदता तथा नमी
वसन्त आ रहा बता रही वसंत पञ्चमी।।-
28 JAN 2017 AT 17:04
सज रहा है आसमान सज रही है ये जमीं
वसंत आ रहा बता रही वसन्त पंचमी।
चमन में फूल खिल रहे हैं, कूकती हैं कोयलें
गगन में उड़ रहे विहग लगा के होड़ बढ़ चलें।
सुगंध है समीर में, है मंदता तथा नमी
वसन्त आ रहा बता रही वसंत पञ्चमी।।-