#वो_जनाब_कहां_जाएं
खामोशियों का कोई तो, सिला होगा
तुम जहां खोए,उसका कोई पता होगा
सुना है रात के अंधेरे अब, तुम्हे डराते हैं
जिन्हें जिंदगी डराए,वो जनाब कहां जाएं
गुमनाम महफिलों से, अपना पता पूछता हूं
शहर में खो ग़या हूं,घर औ सुकून ढूंढता हूं
जहां तेरी यादें न हो, ऐसी जगह ढूंढता हूं।
#नई_स्याही-
30 APR AT 22:53