मेरे कोड का तुम बनके अर्धविराम आ जाना,
देखो बग्स बहुत आ गए जिंदगी में,तुम उनका बनके अब उपाय आ जाना।-
लिखता हूं मेरी आदत मत समझ
कहता हूं मेरी फितरत मत समझ
देखता हूं गैरों को मेरी नीयत मत समझ
वैसे तो क्या खूब ही कहा किसी ने मगर उसे भगवान मत समझ-
When problems are related to emotions, listen to the heart, not the brain
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कोशिश करनी चाहिए वहां भी
एक बार निभाने कि जहाँ कद्र ना हो
क्या पता कोशिश करने से रिश्ते सुधर जाए-
"विपरीत परिस्थितियों का सामना"
देखा आज चिटियों कि बारात निकलते हुए
पत्थर रख दिए हमने उनके रास्ते में तो
रास्ता बदल लिया चिटियों ने
अच्छी बात जानते हो क्या है
"रास्ता बदला था मंजिल नहीं उन चिटियों ने"
मंजिल उनकी अब भी वही थी
बस रास्ता थोड़ा कठिन हो गया
मगर हार नहीं मानी उन चिटियों ने।
"जीवन में विपरीत परिसथितियों का सामना
करना चाहिए ना की उनसे भागना"-
इश्क है या मोहब्बत या मेरी नादानी थी
तुझसे मिलना फिर तुझसे बिछड़ना शायद अपनी कहानी थी
तुम चाय जैसी नहीं मगर चाय भी मुझे तुम्हारे जैसे ही
थोड़ी कड़क और थोड़ी मीठी ही रास आनी थी
अरसे बीत गए ख्वाहिश है अभी भी वही एक चाय जो तेरे साथ पी जानी थी-
अक्सर दूसरो को हराने कि चाह में हम खुद को भी हरा देते है,
खुद को जिताने के लिए हम उतने प्रयास ही नहीं करते जितना की दूसरो को हराने के लिए कर देते है,
चाह दूसरो को हराने की नहीं खुद को जिताने की रखो,
चाह हर बार खुद को हराकर बेहतर करने की रखो।।-
"जिस्मानी और रूहानी इश्क"
रूह से इश्क करने वाले ,जिस्म को देखा नहीं करते
रूहानी इश्क समझने वाले , सबको मिला नहीं करते-
"देखा है मैंने"
झरनों से पानी गिरते देखा है मैंने
पत्तों को पतझड़ में झड़ते देखा है मैंने
प्रातः काल चिड़ियों को चहकते देखा है मैंने
मिट्टी में खेलते हुए बचपना देखा है मैंने
बारिश में वो कागज़ वाली नाव बनाकर चलाते देखा है मैंने
हाँ देखा है मैंने वो पतंगों वाले पेंच भी,वो टायर दौड़ते सड़कों पर
बात करते हो आप दुनिया की
अपनों को अपनों से ही नजरे चुराते देखा है मैंने-
चाँद के इंतजार में बैठे रहे रात भर
सुबह हुई तब जाके पता चला
रात तो अमावस्या वाली थी-