QUOTES ON #रेडियो_बज_रहा_था

#रेडियो_बज_रहा_था quotes

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3 OCT AT 20:23

उठा था‌ बनके बादल,
हवाओं ने बहुत तोड़ा मरोड़ा मुझे
उजड़ उजड़‌ कर निखर गया‌ हूॅं मैं।
खो‌ दिया खुद‌ को बरसकर
या कि शबनम सा उतकर
चारों तरफ बिखर गया‌ हूॅं मैं।

रेडियो पर बज रहा था

किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार...
किसी का दर्द मिल सके तो‌ ले उधार...
किसी के वास्ते हो तेरे दिल‌ में प्यार...
जीना‌‌ इसी का नाम ‌है...

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29 SEP AT 23:38

सैय्यैरा हम ढूंढते रहे दिन‌ भर निकाला वो रात में।
लो‌ आ‌ गए,भूल गए थे सितारे ‌ठीक‌ से दिखते‌‌ हैं रात में ।

रेडियो पर‌ बज रहा‌ था
लो‌ आ गई उनकी ‌याद वो‌ नहीं आए....

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28 SEP AT 11:19

हार को समझ लो गले‌ का हार यहां।
जीतने ‌को, अमृत पीने सब‌ बैठे तैयार‌ यहां।

मंथन से निकलेंगे अमृत भी गरल भी
सोंच‌ समझकर चुनना इक बार यहां।

हम विषपायी जन्म के, निलकंठ बनोगे।
तो जी‌ सकोगे, मरने‌को‌ बैठे सब‌ तैयार यहां।

रेडियो पर बज‌ रहा‌था
पिडली‌ सी बातें.........

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9 OCT AT 20:21

बदलते है‌ ऐसे‌ रंग नूर का
अंदाज अलग है कोहेनूर का।
इंद्रधनुषी लिबास का जलवा
करे‌ चाक जिगर इक मजबूर ‌का।।
कहते हैं जानते तो हैं उनको
है उनसे रिश्ता जरा दूर‌ का।
भाॅंग, धतुरा और‌ अफीम फीके
जो‌ चले जिक्र उनके‌ सुरूर‌ का।।

रेडियो पर बज‌ रहा था
शामे गुलाबी शहर‌गुलाबी......

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7 OCT AT 20:23

खुद से‌ ही हुआ पराया हूॅं।
किसे‌ खोया हूॅं किसे पाया हूॅं।

पढ़ के‌ तेरी ग़ज़लें नज़्में
लगे पाक हो‌ गया हर्फ़ों से नहाया हूॅं।

कुछ लम्हों की चाहत में ‌क्या‌ बताऊं
क्या, कैसे ‌कैसे‌ उम्र गंवाया हूॅं।

रात शबनम भी‌ गिर जाए फफोलों पर
तो सिहर उठता था‌ जमाने का इतना‌ सताया‌ हूॅं।

रेडियो पर बज रहा‌ था
तुम्हारा हिज़्र मना‌ लूं अगर इजाजत हो....

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29 SEP AT 21:25

क्या‌ बतलाऐं क्या‌‌ क्या गुजरी है , तेरे रूठ के‌ जाने‌ से।
हम‌ लम्हों को‌‌ नाप रहे‌ हैं सदियों के‌ पैमाने से
(अज्ञात)
रेडियो पर बज रहा‌ था
आ लौट के आजा मेरे ‌मीत‌ तुझे मेरे गीत बुलाते ‌हैं......

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1 OCT AT 15:25

खुद ‌को‌‌ बोलने सुनने की मोहलत दीजिए।
औरों ‌को‌‌ हल्का होने की‌ सहूलियत‌ दीजिए।

रेडियो पर‌ बज रहा था
कहिए सुनिए कहते सुनते ‌
बातों बातों में प्यार हो जाएगा..

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29 SEP AT 21:17

जब‌ उन्होंने कहना‌ छोड़ दिया।
तो हमने भी‌ बहना‌‌ छोड दिया।

रेडियो पर बज‌ रहा था
तिस्ता‌ नदी सी‌ तु चंचला, मैं भी ‌बचपन‌ से मन‌चला...

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29 SEP AT 16:01

आदमी ‌से‌ सावधन
खाला कहती है
कुत्ता होता है , कुत्ते को
आदमी मत‌ कह‌ देना
बुरा मान जाएगा।
तजुर्बा ‌है‌‌ काम आएगा।

रेडियो पर‌‌ बज‌ रहा‌ था
तेरी ‌मेहरबानियां , तेरी‌ कदरदानियां.....

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28 SEP AT 14:37


इश्क़ के खेल में हार‌ को ही जीत‌ कहते हैं ।
दोस्त‌‌ हमारे हमेशा हमारे दिल में रहते‌ हैं।

रेडियो पर बज रहा था
इन वादियों में टकरा चुके हैं...

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