QUOTES ON #रूषि

#रूषि quotes

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4 DEC 2018 AT 0:00

"मन" से बड़ा बिग बॉस,
शायद ही हो इस संसार में...
#रूषि #
#1934 #

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4 DEC 2018 AT 12:24

"आज" कुछ भी न कहा,
"मौन रहना" तय है,
"शब्द" को "सदा के लिए खोना" तय है,
"कलम" का "ठहर जाना" तय है,
"काग़ज" का "इंतज़ार" करना तय है,
"आज" से "सदा नाराज़ रहना" तय है,
"नाम" से जुदा होना तय है...
#रूषि #
#1939 #

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1 SEP 2018 AT 15:00

काग़ज़ से बँधा नहीं हूँ...
गगन से बातें करता हूँ...
मौन को कलम कर...
"ख़ुद से बातें" करता हूँ...
#रूषि #
#1207 #

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29 MAY 2021 AT 19:58

मत जा उस राह पर बंदे, जिस राह से लौटकर न आ पाएं,
तू जा उस राह पर "ऋषि", जिसमें एकलता भी भा जाए,
त्यज तू उस सारे व्यसन जो दिखलाए तुम्हें अंधकार की राह,
अच्छे काम से जुड़ जा तू, जो बन जाए अच्छे दोस्त तेरे...
#रूषि #
#ख़ुदसे बातें... #
#3946 #

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21 JAN 2019 AT 21:04

तेरा विकल्प तू खुद है,
अब तो सिर्फ़ संकल्प ले...
#रूषि #
#2463 #

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8 JAN 2019 AT 18:12

मौसम में, मौसम सा मिजाज़ बदल दूँगा,
अगर, तू चाहे तो सर्द किस्सा बदल दूँगा...
#रूषि #
#2358 #

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1 SEP 2021 AT 4:17

//कृष्ण जन्मोत्सव//
अगर आप चाहे तो बड़ी आसानी से ये खेल छोड़ सकते हो,
जैसे एक साधारण इंसान स्वप्न को नहीं छोड़ सकता,
संसार को नही छोड़ सकता,
जब तक वह जानता नही कि वास्तव में क्या छोड़ने योग्य है,
कुछ भी तो नहीं, ज्ञान के सिवा,
"न ही ज्ञाननेन सद्रशम पवित्रमिहः विद्धयते",
कुछ भी नही त्याग करना ही सर्वश्रेष्ठ त्याग है,
और जो क्षमता है वही ज्ञान है,
क्योंकि त्यागा हुआ राज राजा के काम का नही,
जो क्षमता है वह गौरवप्रद है,
राम ने त्याग दिया, कृष्ण ने त्याग दिया,
"त्यागात शांति अनंतरम" वह ज्ञान है,
कृष्ण गीता द्वारा जो भी कह रहे है, वह पवित्र है,
हां कृष्ण अर्जुन से कह रहे है कि तू फल का त्याग कर,
सामने खड़े तेरे ही स्वजन का त्याग कर, केवल युद्ध में रत हो जा,
यह अमृत है, और तू इसका पान कर,
विष रूपी युद्ध को गले से लगाकर तू नीलकंठ हो जा,
ममत्व को जान अर्जुन,
यह अमृत है पर तू विष की भांति धारण कर,
क्योंकि वह भी मेरा ही अंश है,
यह ब्रह्मांड मेरी एक उंगली के ऊपर स्थित है,
जैसे स्वप्न से जुड़ा इंसान, उठते ही समाप्त हो जाता है, उसी भांति नाश होगा,
हे ऋषि! उस त्याग का कोई अर्थ नहीं जो जाना योग्य न हो,
वही ज्ञान है, जैसे मृत्यु जीवन को विश्राम दे रही है, वह जानने योग्य है...
#रूषि #खुदसे बातें... #4230 #

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8 JAN 2019 AT 18:00

सर्द कितनी भी क्यू न हो, मेरे मालिक,
कंबल तेरे जैसा, आज तक न पाया...
#रूषि #
#2356 #

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30 DEC 2018 AT 6:52

बड़ी मुश्किल से संभाला है,
बड़ी मुश्किल से पाला है,
ये जो इश्क़ है तेरा, मेरे खुदा,
तेरे आने पर, जान जाने पर,
तुझको ही लौटाना है...
#रूषि #
#2260 #

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28 DEC 2018 AT 5:19

जितना तू करीब आता जाएगा,
ख़ुद पे नियंत्रण बढ़ता जाएगा...
#रूषि #
#2230 #

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