QUOTES ON #रिमझिममनकीबारिश

#रिमझिममनकीबारिश quotes

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31 JUL AT 2:00

"मधुमास का श्रृंगार"

मधुमास की कोमल धूप सी, ये रूप की कैसी है चमक,
तेरे अधरों का लाल रंग, जैसे कमल रहा हो दमक।

अनुशीर्षक में👇👇

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4 AUG AT 1:10

"कुछ देर बस"

साथ चलें तो हर राह आसान लगे,
हर मंज़िल जैसे दिल के पास लगे।

तेरी दोस्ती की छाँव में, हर धूप ठंडी लगे,
तेरा साथ हो तो ये दुनिया कितनी हसीन लगे।

ये जो हँसी है, ये जो ख़ामोशी है,
सब कमाल तेरी दोस्ती की है।

नफ़रत के इस दौर में, मोहब्बत की मिसाल है,
ये दोस्ती नहीं, ये तो रूहों के मिलन रसाल है।

वक़्त की लहरों में, तू साहिल है मेरा,
हर तूफ़ान में तू ही सहारा है मेरा।

तेरे कंधे पे सर रख के, भूल जाऊँ हर दर्द,
तुझसे बात कर के ही, कुछ देर बस।

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3 AUG AT 0:14

यूँ ही तेरी बाहों में, सिमट जाने का जी चाहता है।
तेरे होंठों से, तेरी साँसों को चुरा लेने का जी चाहता है।
ये जो तेरी आँखें हैं, इनमे कहीं खो जाने का जी चाहता है।
यूँ ही तुझसे इश्क़ करते हुए, ये ज़िंदगी बिताने का जी चाहता है।

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6 AUG AT 13:52

"अफ़साना इश्क़ की"

तुम्हारी हँसी की गूँज जब मेरे कानों में पड़ती है,
तो मेरे बिखरे हुए दिल की हर कली खिलती है।

तुम वो ख़्वाब हो, जो हर रात मेरी आँखों में सजती है,
और तुम वो हक़ीक़त हो, जो हर सुबह मेरे साथ जागती है।

तुम्हारा साथ पाकर, मेरी राहें रोशन हो जाती हैं,
तुम्हारी मुस्कान से, मेरी सारी उदासी छिप जाती है।

तुम वो चाँद हो, जिसकी चाँदनी मेरे अँधेरी रातों को रौशन करती है,
और वो सूरज हो, जिसकी किरणें हर सुबह मुझे जगाती हैं।

तुम्हारे साथ बिताए हर पल में, एक नई ज़िंदगी है,
तुम्हारी यादों में, हर लम्हा एक नहीं कहानी है।

तुम्हारा इश्क़ मेरी रूह में हर वक़्त समाई है,
तुम्हें पाकर, एक अफ़साना इश्क़ की मैंने ख़ुद रचाई है।

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3 AUG AT 22:49

"दोस्ती का उसूल"

दोस्ती का उसूल कि इसका कोई नहीं उसूल,
दिल से दिल का रिश्ता, बाक़ी सब बातें फ़िज़ूल।
ये कोई सौदा नहीं, ये तो रूह का इत्तेहाद है,
इसमें ना कोई शर्त है, ना कोई क़ायदा न क़ानून।

हर एक अहद-ओ-पैमान, हर एक रस्म-ओ-रिवाज़,
दोस्ती के इस पाक रिश्ते के आगे हैं बे-वज़्न।
ये तो एक एहसास है, जो लफ़्ज़ों में बयाँ नहीं होता,
ये एक ख़ामोशी है, जो सब कुछ कह जाती।

वक़्त की धुप-छाँव में, हर एक मोड़ पे,
ये साथ है, ये वफ़ा है, ये एक सच्चा जुनून।
कभी गिरे तो थाम ले, कभी हारे तो हौसला दे,
दोस्ती है वो दरिया, जिसका नहीं कोई साहिल।

ये एक वो बाग़ है, जिसमें सिर्फ़ फूल ही फूल खिलते,
यहाँ ना काँटों का डर है, ना ख़िज़ां का कोई अज़ाब।
दोस्ती का उसूल कि इसका कोई नहीं उसूल,
दिल से दिल का रिश्ता, बाक़ी सब बातें फ़िज़ूल।

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AN HOUR AGO

"भाग्य का खेल"

जीवन के इस सागर में,
बिन माँगे मोती मिले।
जब हमने सोचा भी न था,
तब खुशियों के फूल खिले।
पर जब हमने मांगी खुशियाँ,
माँगे मिले न भीख।
तब ज़िंदगी ने हमें,
दुख का पाठ पढ़ाया।
सच है ये बात,
कि हर चीज किस्मत से मिलती है।
बिन माँगे मोती मिले,
माँगे मिले न भीख।

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1 AUG AT 23:38

"ख़्वाब ही था वो"

ख़्वाब ही था वो, जो आँखों में बसा था,
एक नज़्म ही थी, जो दिल में लिखा था।

लफ़्ज़ों में था एक एहसास मुहब्बत का,
अंदाज़ में था एक इज़हार चाहत का।

कभी नज़रों से होती थी जो बातें,
कभी दिल में धड़कती थीं वो रातें।

एक ख़ामोशी में था एक शोर मोहब्बत का,
हर साँस में था एक सुरूर इबादत का।

वो पल जो गुज़रा था, वो एक लम्हा ही था,
जो भी था, वो बस एक ख़्वाब ही था।

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20 HOURS AGO

"रिश्तों की मर्यादा"

ये जो रूह में घुली है तन्हाई, अश्कों की इनायत है
या ये दिल की दहलीज़ पर कोई, अनकही शिकायत है।
रस्में-दुनिया की ज़ंजीरों से, आज़ाद हो जाए
काश हर रिश्ता, महज़ इक जज़्बा-ए-मोहब्बत है।

ये जो ख़ुशी की आड़ में ग़मों का, क़ाफ़िला चला है
हर हँसी के पीछे कोई, गहरा राज़ है जो जला है।
कोई तो समझे इस ख़ामोशी को, जो लबों पर है
हर टूटे शीशे में देखो, अक्स अपना ही भला है।

रिश्तों का बोझ नहीं, वो रूह की इबादत हैं
जो मर्यादा में रहें, वो हक़ीक़ी राहत हैं।
जहाँ वफ़ा की आंँच हो, वहाँ दिल मिलते हैं
ये सौदा नहीं, ये तो रूहों की ख़ास-ओ-ख़ास आदत हैं।

जब ज़मीर हो साफ़, तो आइना क्या डरता है
हर जुदा हुए पल में, कोई अक्स बिखरता है।
ये कैसी दुनिया है, कैसी रस्में और कैसी क़ीमत
जहाँ हर चेहरा, अपने ही साए से डरता है।

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6 AUG AT 8:30

"यादों का सावन"

ज़िंदगी के सावन में, इक ख़्वाब बन गया,
हर बूँद में तेरी, यादों का पैगाम बन गया।

जब भी देखा अम्बर को, घिरा बादलों से,
तेरी उदास आँखें, मेरी शाम बन गया।

हर ख़ामोशी में इक, अफसाना बन गया,
तेरा नाम मेरी, हर सांँस का इनाम बन गया।

सावन की फुहारों में, जब भीग गया मन,
तो मेरा दिल तेरे लिए, एक मुकाम बन गया।

जब भी बिखरी जुल्फें, तुम्हारी हवाओं में,
तो मेरी हर धड़कन, तुम्हारा कलाम बन गया।

जब भी सोचा मैंने, तुमसे दूर जाने का,
तो हर रास्ता तुझ तक, जाने का धाम बन गया।

ज़िंदगी की उलझनों में, जब उलझ गया दिल,
तो तेरा साथ मेरी, हर मुश्किल का काम बन गया।

सावन के रंग में, जब रंग गया मेरा दिल,
तो मेरी हर इबादत, तेरा ही नाम बन गया।

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31 JUL AT 23:37

"Whispers of the Soul"

A scribble on the heart's frayed page,
where joy, a verbal burst, takes stage.

Then anger, a chauvinist's harsh decree,
shatters peace, sets discord free.

But hope, a gentle hand, begins to mend,
the fractured spirit, on its upward trend.

Fear, a shadow, flees with lightening's gleam,
as courage rises, a vibrant dream.

Love, a tide, washes grief away,
leaving solace at the close of day.

All interwoven, a human art,
emotions dancing, within the heart.

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