Mountains stand tall, a silent, ancient line,
A blanket of snow makes their peaks gently shine.
Beneath the vast and endless blue sky so clear,
A tranquil lake reflects the beauty held so dear.-
मेहंदी से सजे हाथों में, वो फूल का खिलना,
जैसे सावन की बूंदों का, ज़मीं से मिलना।
ये चूड़ियों की खनक, ये हाथों का रंग,
जैसे मोहब्बत की रस्मों में, कोई नया ढंग।
लबों पर हँसी, आँखों में इंतज़ार,
हर अदा में, एक गहरा सा प्यार।
ये सोलह श्रृंगार, हर रंग में निखरता,
इश्क़ का जादू, हर दिल में उतरता।-
क्यों आए वापस, जब दिल तोड़ गए थे,
ख़्वाबों के सारे, रिश्ते मोड़ गए थे।
अब किस उम्मीद से, इन राहों पर खड़े हो,
जब सारे वादे, अधूरे छोड़ गए थे।-
माँ के शक्ति से सारा जग बा।
उनके आगमन में हर भक्त बा।
नवरात्रि के नौ रात के उत्सव आईएल।
हर भक्त जयकारा नित्य लगाई।-
एक नर्म सी सुबह, ख़यालों में उतर आई,
जैसे नींद में कोई, दबे पाँव गुनगुनाई।
सूरज की किरणें, फूलों पर मुस्कुराई,
ओस की बूंदें, मोतियों सी चमक लाई।
हवा में भी, एक धीमी सी सरगोशी आई,
हर तरफ़ काली रात गई, रोशनी ही रोशनी छाई।
ये लम्हा, जैसे ज़िंदगी का एक वरदान,
प्रकृति की गोद में, कितना सुंदर अपना जहान।-
फिर एक शाम मेरे दिल में उतर आई,
तेरी यादों की परछाई, अपने साथ लाई।
ये तन्हाई भी अब, तेरी यादों संग मेरी साथी,
जैसे ढलते सूरज की, हो आख़िरी रौशनी।-
तुम्हारी आँखों में, मेरा संसार बसता है,
हर सांँस में, बस तेरा ही नाम पढ़ता है।
ये दिल का रिश्ता, रूह से जुड़ गया है,
तेरी मोहब्बत में, मेरा हर लम्हा खिल गया है।-
यूँ ही नहीं ये बारिश आई है,
ये फ़िज़ा भी मोहब्बत में भीग कर शर्माई है।
इन बूँदों में भी, आज तेरा एहसास है,
जैसे बरसों का प्यासा, कोई पास है।
तेरी आँखों में, ये कैसा इकरार है,
इस पल में, जैसे सदियों का इंतज़ार है।
तेरे साथ हर लम्हा, ख़ास है,
तू ही मेरा दिल है, मेरी धड़कन, मेरी हर साँस है।-
वो चेहरा जो गुलाब के पीछे छिपा है,
उसकी ख़ूबसूरती का अंदाज़ ही जुदा है।
आँखों में उसकी, एक गहरा राज़ है,
दिल की हर धड़कन में, एक मीठा अंदाज़ है।-