यह छोटा सा जीवन
तुम्हे है समर्पण
मेरे मुरलीवाले मेरे मुरलीवाले
ये सबकुछ तेरा है तेरा तुझ को अर्पण
मेरे मुरलीवाले मेरे मुरलीवाले
भँवर बीच छोड़े या मुझ को संभाले
मेरे मुरलीवाले मेरे श्याम प्यारे
जो होजाए तेरा कृपा मुझपे भगवन
तो अपने चरण की तूं धुली बनाले
मेरे सांवरे हे मेरे प्राण प्यारे
हो फिर से जनम तो तूं अपनी कृपा से
मुझे अपने ब्रज की तूं गोपी बना ले
मेरे मुरलीवाले मेरे मुरलीवाले-
मोह माया से मोहित,झूठी है ये दुनिया ,
मुझे इसकेे वादों पर अब एतबार नहीं
ओ कान्हा तुम ही हो अब बस मेरे ,
मुझे और किसी से प्यार नहीं !!-
हुई क्या खता तुम बताते नहीं।
क्यों गलियों में अब मेरे आते नहीं?
जरा मेरी सुनो, यूँ न रूठा करो,
इस कदर से तो नजरें चुराते नहीं।
साँवरे मेरे मिलने अब आजाओ ना,
दिल लगा करके यूँ दिल दुःखाते नहीं।
यह जमाना नहीं मुझको अब भा रहा,
बीच मझधार यूँ छोड़ जाते नहीं।
तेरी सखियाँ पुकारे सदा ही तुझे,
अपनी नटखट छवि क्यों दिखाते नहीं?-
सांवली सूरत अपनी दिखाओ कान्हा।
कभी मुझसे भी मिलने तो आओ कान्हा।
उलझ- सी गयी हूँ इस अंजान दुनिया में,
आकर मुझको भँवर से बचाओ कान्हा।
तेरी रजा में ही हम रहते हैं रजामंद,
निज चरणों से हमको लगाओ कान्हा।
तुम जानते तो हो कि हम नादान हैं,
भूल को माफ कर अपनाओ कान्हा।
अब बुलाकर जरा मुझको अपने नगरिया,
मेरे जीवन को सुंदर बनाओ कान्हा।-
मेरे कान्हा बड़े लाजवाब हो तुम।
हर सवालों का मेरे जवाब हो तुम।
तुमसे ही तो हूँ मैं निखरती सदा,
मेरे लिए तो आफ़ताब हो तुम।-
ओ कान्हा ! मेरी ख्वाहिश है कि ,
तेरे रंग में रंगा हर ज़माना मिलें
मैं जहां भी रहूं मुझे बरसाना मिलें!-
सुनो, मेरे जीवन की जीत हो तुम।
सबसे प्यारा मेरा मीत हो तुम।
जिसके लिए हूँ मैं लिखती सदा-
मेरे कलम की गजल-गीत हो तुम।-
कृष्ण नाम का अमृत पिये जा रही।
इस कोरोना में हँसकर जिये जा रही।
न चिन्ता फिकर है किसी बात की,
सारी उलझन उन्ही को दिये जा रही।
कल क्या होगा न परवाह करते हुए,
कर्म अपना सही बस किये जा रही।
उनके साये में ही मैं हूँ रहती सदा,
उनके ही बन्दगी में जिये जा रही।
साथ पाया है जो उनके याराने का,
उनकी यारी से हर गम सिये जा रही।-
मिलता तो बहुत कुछ हैं
"इस जिंदगी में
"बस हम गिनती उसी की करते हैं"
"जो हासिल ना हो सका..."
☀️गुड मॉर्निंग☀️-