मुस्कराना 😊 जिन्दगी का वो खुबसूरत लम्हा है
जिसका अंदाज सब रिश्तों से अलबेला है
जिसे मिल जाये वो तन्हाई में भी खुश,
और
जिसे ना मिले वो भीड़ में भी अकेला है ।-
मन्यते वैपरीत्येन
कालोऽयञ्चार्तिदायकः ।
कथं जीवेम चैवं भोः
पद्याञ्च दर्शयत्यपि ॥-
मम जीवनसङ्गीतम्
जीवनसङ्गीतम्
श्रुतं पूर्वं पूर्वेषां
तदा स्वगीतम्
श्रवणम् आवश्यकम्
नः शृणोति यः
सः न गायति कदापि
मेरा जीवन का संगीत
मन्नै, आच्छि तर्यां गाया
पहलम् , पहल्यां का सुण्या
फेर आपणा गाया
सुणना आवश्यक होवै
जो ना सुणदा
गांदा बी ना वो कदे-
वृक्षेभ्यो हरिकेशेभ्यो नमः 🙏🌳
- यजुर्वेदः
नारायणस्वरूप वृक्षों को नमस्कार है-
बेटियों के लिए
उनके पापा
क्या होते हैं ?
ये केवल उनकी बेटियाँ
ही
समझ सकती हैं ।-
जिस समय भवन की सारी ईंटें बाहर की ओर झाँक झाँककर प्रदर्शन कर रही होती हैं
उस समय नींव की ईंट गुमनाम अनजान-सी पूरे भवन को अधिष्ठान प्रदान कर रही होती हैं ।-
तर्षातर्षौ द्विधा सेव्यः
देहे प्राणो हि तादृशः ।
वशी देवो दिव्यधर्मा
जीवो वश्यस्तु केवलः॥
🌳🪴रविदत्तशर्मा "रसो"🪴🌳
शरीर में केवल प्राण ही ऐसा है
जो हमारी इच्छा से भी
तथा इच्छा शक्ति के बिना भी
सञ्चालित होता है।
अतः वेद अनुसार 'वशी' केवल ईश्वर है,
मनुष्य तो 'वश्य' है।-
नील गगन के पंछी भोले
भोलेपन से
भूल भूलैया में फंस जाते ।
अपने दोनों पंख हवा में
फैलाकर वो
उडना चाहते ।।
व्याध एक व्याधि बनकर के
उनके रंगी से जीवन को
कृष्ण-श्वेत सा कर जाता है ।
हँसी खेल सा जीवन पल में
मर जाता है ।।-