दोस्तों की दोस्ती में कभी
कोई नियम नहीं होता हैं
और ये सीखने के लिए,
कोई विद्यालय नहीं होता हैं #दोस्तों
#मैं_आपको_ही_कह_रहा_हूँ
#खुश_रहे_और_खुशियां_बाँटते_रहें
#रविकुमार_ठाकुर-
तप्त हृदय को, सरस स्नेह से,
जो सहला दे, मित्र वही है।
रूखे मन को, सराबोर कर,
जो नहला दे, मित्र वही है।
प्रिय वियोग,संतप्त चित्त को
जो बहला दे, मित्र वही है।
अश्रु बूँद की, एक झलक से
जो दहला दे, मित्र वही है।
#मित्रता_दिवस_की_हार्दिक_शुभकामनाएं
#FriendshipDay
#रविकुमार_ठाकुर-
हर खानदान में कोई ऐसा होता हैं
जो गरीबी रेखा को तोड़ कर आगें चला जाता हैं
ईश्वर करें की आपकें खानदान में
शुरुआत आप से ही हो
मैं आपको ही कहाँ रहा हूं, साहब
#रविकुमार_ठाकुर-
एक लड़की नें अपनें दादा से पूँछा:-
दादा जी आप लोग पहलें कैसें रहतें थें ?
"ना कोई टेक्नोलॉजी,ना जहाज ,ना कम्प्यूटर,
ना गाडीयाँ, और ना ही मोबाइल
दादा जी नें बहुत सुंदर जबाब दिया :-
जैसें तुम लोग आजकल रहतें हों
'' ना पूजा, ना पाठ, ना दान "
'' ना धर्म, और ना शर्म " !!
बात कड़वी हैं पर यही सच हैं !!
#खुश_रहें_और_खुशियां_बँटाते_रहें
#रविकुमार_ठाकुर
-
दुनिया में दुःख बहुत "कम और सुख" बहुत ज्यादा हैं
लेकिन दुनिया में दुःखी बहुत
"ज्यादा और सुखी" बहुत कम हैं
#आप_हमेशा_खुश_और_हँसतें_रहें_अच्छा_लगता_हैं
#रविकुमार_ठाकुर-
अरे साहब!
अगर आसानी से मंजिल मिलती
तो खुशियों का मूल कैसे पता चलता
मजा तो कठिनाइयों के
बाद मिलने वाली मंजिल का है.!!
#खुश_रहें_और_खुशियां_बँटाते_रहें
#रविकुमार_ठाकुर
➡️➡️➡️-
माना उल्टे पड़ सकते हैं, जीवन में कुछ दाँव हमारे
चलते-चलते थक सकते हैं, कभी-कभी ये पाँव हमारे
माना धीमी पड़ सकती है, कभी-कभी रफ़्तार हमारी
छोटे-छोटे खेलों में, हाँ, हो सकती है हार हमारी
लेकिन अंगुलिमालों से भी, होकर बुद्ध,
हमीं जीतेंगे ,अंतिम युद्ध हमीं जीतेंगे ।।
ये जज्बात हैं हमारे #दोस्तों
#खुश_रहें_और_खुशियां_बँटाते_रहें
#रविकुमार_ठाकुर-
प्रेम, सम्मान और अपमान
एक निवेश की तरह हैं
जितना हम दुसरो को देते हैँ
वो हमें जरूर व्याज सहित वापस मिलता हैं।
#आप_अपना_और_अपनों_का_ख्याल_रखें
#रविकुमार_ठाकुर-
सब तीर्थो में सर्वश्रेष्ठ तीर्थ आपका ह्रदय हैं
यह जितना निर्मल और निष्पक्ष होगा
सारें तीर्थ उतनें ही आपके पास होंगे #दोस्तों
#खुश_रहें_और_खुशियां_बाँटते_रहें
#रविकुमार_ठाकुर
-
दोस्तों रात नहीं सपने बदलते हैं,
मंजिल नहीं कारवां बदलता है,
जज़्बा रखो हमेशा जीतने का,
क्यूंकि नसीब बदले न बदले, #दोस्तों
लेकिन वक्त ज़रूर बदलता है
#खुश_रहें_और_खुशियां_बँटाते_रहें
#रविकुमार_ठाकुर
-