नशो अर युवा रो नाश
नशो एक मिठो जहर पण ओ जहर आज घर-घर हुग्यो,
पहला लैवता गिणवा-चूणवा अर आज हरेक तांई पुग्यो।
अफीम ,डोडा ,दारू अ सगळा नशा रूपी लोग खावै,
आजकळ तो स्मैक, एमडी,अर नयो जहर कठासूं लावै।
युवा लोग तो इण जहर न बड़े शौक सूं खावण लाग्या,
पईसा नि होवै जद जमीन,जायदाद अर ठीकर बैचण लाग्या।
जिण उमर माय करणी माँ-बापु री सेवा बिण माय फिरै रोवता,
दूध आळा प्याला छोड़ कर देख्या स्मैक ,एमडी अर दारू पिवता।
एक पीवै दूजो पीवै अर् पीवै पांचवो पसै दसवो
अब तो पुरो ग्रुप बण्यो तस्करा के बण्यो जोर रो धंधो।
बडेरा अर सज्जना थांसु सुनील री आहि अरदास,
आपणै टाबरां रो ध्यान राखो मत जावण दो नशा के पास।
✍सुनील हुड्डा बाड़मेर-
झको आंणद धोरां सूं सरकण माय आवतो हो ,
बो अबै डोलर आळा झुला पर भी कोणी आवै।
जैड़ो स्वाद पीलू अर ढालू खावण रो आवतो हो,
बो स्वाद अबै स्ट्राबेरी अर मौसमी खावण सूं कोणी आवै है।
जियूँ घर बरसात माय बणावता अर माय बैठता हा,
बो सुख आज दो माळ आळी बिल्डिंग माय कोणी मिळै।
जिथो प्यार मायड़ आळी आँख्या माय देख्यो हो
वितो आज भायड़ आळी आँख्या माय कोणी मिळै।
बचपण माय बापू आळा कन्धा माथै बैठण रो आंणद हो,
बो तो अबै हवाई जहाज माय बैठ्या भी कोणी आवै।
जैड़ो आंणद मायड़ भासा बोलण अर लिखण सूं मिळै,
बैड़ो आंणद अंग्रेजी हुकूमत आळा शब्द बोल्यां कोणी मिळै।।
ओहि तो है म्हाकै धोरां धरती अर मायड़ भासा रो आंणद
@सुनील हुड्डा बाड़मेर-
नेता समझ वोट दिया बण बैठ्या बकरा,
बाड़ा बंदी कर रया सगळा खेल बिखरा।
#तिखोड़ी_कळम
✍️सुनील हुड्डा बाड़मेर-
परिवार
बडेरा रा टैम माय सगळा रिळमिळ सागै रैवता ,
एक दूजा सूं कदै नि जळता अर एक ही आंगण बैठता।
माटी आळै तवे रोटियां सेकता राब रोटा जिमता,
जांझरक बैगा जाग नै घटिया सूं मणा धान पिसता।
बा टैम तो अब देखी नि मिले झका चौकियां खाट लगावता,
बुढा बडेरा रो कायदो राखता काम भुळायोड़ो कर दैवता।
खेतां माय काम करता सागै मोरुड़ो गावता,
अबकी माय एकदुजा क दोड्या दोड्या जावता।
मोटर गाडिया री काईं जरूत कोसा पाळा चालता,
ऊँटा माथै जावती जान जद ठरका सूं परणावता।
धोळी धोती और अंगरखी सिर माथै पाग बाँधता,
कैवै सुनील बिण जमाणा माय मुछ्या रोब राखता।
आजकळ तो परिवारा रा बैजा ही हाल होयोड़ा है,
सुनील काईं लिखूं परिवारा वास्तै कर्म आंगा फुटोड़ा है।
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चूल्है चाडी खाटी छाछ माय दियौ आटो मिळाय,
जद बण ज्यावै राबड़ी लूण,मिर्च,नै जीरो मिळाय।
इणनै दैवां तावड़ै सुखा खाट ऊपर प्लास्टिक बिछा,
घणी स्वादिष्ठ बणै जद प्याज संग दैवा सब्जी बणा।
#तिखोड़ी_कळम
✍️सुनील हुड्डा बाड़मेर
#सिरावड़ियो_रौ_साग-
हर बात को जवाब बोल कर के ही देवनो
जरूरी कोनी हुवे सा
कदी कदी शांत स्वभाव भी घणौ बोल दिया करे-
मायड़ म्हारी मिठोड़ी बोळी जिंको आठवीं माय ठिकाणों दिळावणों,
आपणी भासा आपणों हक इणनै लेवण माय क्याकों शरमावणों।
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बहुत हलचल है आजकल मेरे मन रूपी सागर मे,
इसे तुफान बनने से रोक रहा हूं, वरना तबाही का मंजर बहुत खतरनाक होगा!
अशांत मनोभाव..........-
कर्मा में लिखयोड़ा आंकड़ा कोई मिटा नही पावै,
फूटा कर्म फकीर का भरी चिलम ढुळ जावै।
$राजस्थानी भजनवाणी🎻-
Always be active
एक बार एक चिड़ीया अपनी चोंच मे पाणी भर के बार बार उड़ान भर के एक मकान माय लगी आग ने बुजाण लागरी थी,एक कागला बोल्या चिड़ीया बैठ ज्या कीमी फर्क कोनी पड़े तेरी एक चोंच पाणी स।
चिड़ीया बोली बेसक फर्क मत पड़ो,पर दूसरा को हौसलो तो बन्यो रहे गो ,तेरी ढाळ निठलो बैठण की आदत तो कोनी पड़ेगी।
A helping hand doesn't need to be big in size...
It is the helping attitude that matter the most...-