"मेरे_अनकहे_शब्द_💔" पढ़कर ऐसा '𝗙𝗲𝗲𝗹' होता है,
जैसे मेरा 'ब्रेक-अप' हुआ हो,
पर बहुत मेहनत से लिखने के बाद मुझें याद आता है,
मैं तो अभी तक '𝗦𝖎𝖓𝖌𝖑𝖊' ही हूँ..✍️-
फ़ितरत नहीं मेरी,
लोगों की नज़रों में अच्छा बनने की,
"बालाजी"
आपकी नज़रों से ना गिरु,
यही कोशिश हैं मेरी..✍️-
सबको आज़माकर देख लिया बालाजी,
सिर्फ आप पर भरोसा हैं..✍️❤️-
इस शोर भरे ज़माने में,
स्वभाव और मन को शांत ही रखता हूँ..!!
"बालाजी"
सिर्फ़ आप के सामने अपनें मन की बात रखता हूँ ..✍️-
'हे बालाजी महाराज'🙏,
तुम्हें ही गुनगुनाता रहता हूँ,
अपने मनपसंद गाने की तरह....✍️-
,
कहीं इतने आगे ना निकल जाना.!!
अपनों को छोड़कर,
ऐसे शख़्स से ना मिल जाना,
जो तुम्हें अपनों से दूर कर दे..✍️-
मुझ से,
एक दिन ऐसा हुआ करता था!!
तुम्हारी सुबह भी
मेरे चहरे को देखकर हुआ करती थी..✍️-
कमी तो कुछ नही, अक्सर
लोग कमियां निकाल ही देते हैं!!
कितना ही करो उनके लिए,
फिर भी नुक़्स निकाल ही देते हैं..✍️-
तुम्हारी बनाई इस दुनियां में,
तुमसा ना मिला!
"बालाजी"..✍️-
मेरे लिए '01/01/2022' को सिर्फ और सिर्फ कैलेंडर बदल रहा हैं, साल नहीं..!!
हमारे हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी गुड़ी पड़वा को ही मनाया जाता हैं..!!
तो आप सभी से करबद्ध निवेदन हैं,
की मुझें नववर्ष "2022" की बधाई देकर,
अपनी संकीर्ण मानसिकता और अपनी मूर्खता का परिचय न दें..✍️-