कोई रुख तो कोई दिल से सच्चा नइँ
यानी सबसे रिश्ता रखना अच्छा नइँ।।
तुम जो मतलब से मतलब बस रखते हो
ये आदत गंदी आदत है,,,,,, बच्चा, नइँ।।
आमों के पकने का.... मौसम आया है
पक जाने दो, मीठा खाना, कच्चा नइँ।।
तुमसे इश्क किया था तुमको सच माना
अब दोबारा हम....... खाएँगे गच्चा नइँ।।
वो फूलों से सटने की कोशिश में था
मैनें बस इतना कह डाला 'चच्चा नइँ'।।
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