अलौकिक आनंद में,
रस का भाव निहित है
जैसे हर पाठन हर काव्य में,
इंद्रियांँ भी समाहित जिसमें
ऐसी संपूर्ण रस की गगरी
नारी वो भाव्य है।
अनुशीर्षक...-
28 MAR 2021 AT 20:45
18 MAY 2021 AT 20:57
ऐसे जैसे....
Neha, Shilpa, Kainat, Ramsha, Priya, Amrita, Uma, Nisha, Biharan, Priya, Preeti, Nishi,
Himanshi, Masha, Sehmat, Angry,
Bala, Khushiya, Sharmin-
15 SEP 2021 AT 11:21
तुझे हारता हुआ देख ये दुनिया तो मुँह फ़ेर तुझे और गिराएगी,
इक माँ ही है जो तेरी जीतने की हर कोशिश का जश्न मनाएगी।-
28 MAY 2021 AT 5:50
एक बार पुनः युद्ध हुआ वर्तमान,
और जाहिल यादों के बीच,
देखो अब सवेरा हो गया है..
पर मेरी रात स्वीकार करो तुम,
और अपने सीने पर सर रख कर,
देखने दो स्वर्णिम दिवा स्वप्न...
अंधकार को हरा कर,
जन्म लेते एक राक्षस का...
तुम हिलना नहीं,
मुझे थोड़ी देर हो सकती है,
वापस आने में...-
3 JUN 2021 AT 9:47
दुश्मनों की महफ़िल सजी थी,
और कत्लेआम का ख़ौफ़ था,
पर किस्मत हमारी नायाब थी,
साथ हमारे यारों का रौब था।-
1 JAN 2022 AT 9:25
मंगल कामना के साथ आप सभी को सपरिवार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ
अनुशीर्षक.....-