गुमशुदगी मरज-ए-इश्क बया करती है
हकीकत से रूबरु हों साहिब,
यही जिन्दगी बर्बाद करती है!!!-
20 MAY 2021 AT 14:30
26 JUN 2019 AT 23:04
नन्ही सी जिंदगी की कशमकश में ,हर पल मरज-ए-वफ़ा है ।
बेखौफ हो जाऊं गमजदा मौत से, बस यही मरज-ए-दवा हैं।-
गुमशुदगी मरज-ए-इश्क बया करती है
हकीकत से रूबरु हों साहिब,
यही जिन्दगी बर्बाद करती है!!!-
नन्ही सी जिंदगी की कशमकश में ,हर पल मरज-ए-वफ़ा है ।
बेखौफ हो जाऊं गमजदा मौत से, बस यही मरज-ए-दवा हैं।-