मुझ से मुझ तक मैं पुल बनाता हूँ
शब्द बोता हूँ कविता उगाता हूँ-
21 MAR 2018 AT 19:06
28 JAN 2018 AT 21:20
नींद बोता हूँ
ख़्वाब उगाता हूँ
कलम बोता हूँ
किताब उगाता हूँ
काँटे बोता हूँ
गुलाब उगाता हूँ
नशा बोता हूँ
शराब उगाता हूँ
सवाल बोता हूँ
जवाब उगाता हूँ
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22 AUG 2019 AT 7:50
कराह रही है कविता
किताब के किसी कोने में।
बरसाती दादुर लगे हैं
बँटवारे के बीज बोने में।-
3 AUG 2018 AT 5:17
उजली धरती में
अँधेरा बोता हूँ
आँखे तेरी नम हैं
मगर मैं रोता हूँ
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25 DEC 2021 AT 12:39
कर्तव्य बिना निभाए
अधिकार जताना
कितना थोथा लगता है
ऐसा आदमी
बड़ा बोना लगता है
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