"मै इन्हे राज्य तो क्या, सुई की नोक के बराबर भी जमीन नहीं दूंगा"...ये पंक्ति तो आपने काफी सुनी होगी ...
इसी से मिलती जुलती मेरे परिवार में भी किसी ने कहीं ,
''जो अपने हक मांगने की बात करे उसे परिवार से भी अलग कर दो!"
हा शायद कुछ यही शब्द थे.…..।
तो चलो आज फिर बेईमान का जिक्र किया जाए,
बेईमान की बेईमानी को और गहराई से जाना जाए।
#बेईमानताऊ
-Remembering_someone
HP's thinking
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22 AUG 2020 AT 22:56
16 AUG 2020 AT 7:58
पिता की जमीन और चंद घड़ियों में ,
ऐसा क्या खलल हुआ....
मेरे परिवार का हर एक सदस्य,
इसी स्वार्थ में बदल गया।
भाई - भाई का दुश्मन हो गया...
मां को अस्पताल में मारता हुआ छोड़ने वाला भी,
बाप की जमीन का पहला हिस्सेदार हो गया ।
वक़्त और जमीन के इस खेल में
हर रिश्तेदार बेईमानी और स्वार्थ की सारी हदें पार कर गया।
#बेईमानताऊ
-Remembering_someone
HP's thinking
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