मुझे उसकी जरूरत नहीं तलब बनना था
क्युकी सुना है
जरुरते खत्म हो जाया करती है-
DaminiQuote
चल सुनाते हैं तुमको इश्क की कहानी,
🌠
बहुत तंग हैं आजकल सियासत की गलियां।-
DaminiQuote
कुछ इस वजह से रात मैं तेरी गली में था,
तेरी गली का चाँद मेरे छत के करीब था
🌠-
अजीब फलसफा है ऐ जिक्र
तेरा भी🌠
तुम करो तो अच्छा लगता है~हम करें तो कांटो सा चुभता है✍️ #/💚-
सर्द है हवाओं की चाल बहुत
सर्द है हवाओं की चाल बहुत रूख साफ-साफ नहीं दिखता,
अजनबी सा जान पड़ता है मेरा शहर,
बस अपना सा नहीं लगता। आज भी कायम है गलियों में कदमों का सिलसिला;
महंगी रंगीन सी सिलवटों में तन्हा गुजरते चेहरे,
बस अधरों से मुस्कान नहीं मिलता।
बेशक दिवारें आलीशान हो गईं मुहल्लों की
पर सामत आ गई आजाद परिन्दों की ;
हल्की आहट से जान लेते थे जिनका पता ; हल्की आहट से जान लेते थे जिनका पता वो खामोशियाँ भी आलीशान हो गईं। खुलती है खिड़कियाँ ;
खुलती है खिड़कियाँ सच है,
पर शीशे में साफ-साफ नहीं दिखता, कहते हैं हवाओं में धूल बहुत है,
कहते हैं हवाओं में धुल बहुत है. . . हाँ, बचपन ने पढ़ा था कभी किताबों में __ बस,
बस अब दिमाग बेअसर नहीं दिखता।
अजनबी सा जान पड़ता है मेरा शहर.....✍ #/💚-
जिक्र🌠
मिट्टी का भी कर बैठते हैं लोग
फिर वो तो तपती दुपहरी में शाम सा है
हैरान न हों
अगर आज काफिले में मुश्किल है
आगे सफर थोड़ा बोझिल है
गुजरना है जो उसे
हर हाल में दरमियाँ
फिर रास्तों में फिक्र को कौन तय करे
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जिसे फर्क ही नहीं पड़ता जीत या हार से
उन कदमों का क्या कहें
अब क्या उसके दिल में है✍️ #/💚-
🌠रुतबे की बात न कर🌠
तुं इश्क के आसमान में रहता है
इबादत के समंदर ने लिखी है तकदीर तेरी
तुं हर दुआओं की शाम में रहता है✍ #/💚-
DaminiQuote
आइना जो कह दे ~ साफ है चेहरा तेरा,
🌠
क्या मजाल फिर किसी की ~ तुम्हें दागदार कर दे।-