QUOTES ON #बसचाँदसेपहले

#बसचाँदसेपहले quotes

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30 DEC 2019 AT 21:51

मुझे उसकी जरूरत नहीं तलब बनना था

क्युकी सुना है

जरुरते खत्म हो जाया करती है

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7 OCT 2018 AT 16:54

हे देवी!

Read in कैप्सन💫
✍️

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1 SEP 2018 AT 18:18

DaminiQuote

चल सुनाते हैं तुमको इश्क की कहानी,
🌠
बहुत तंग हैं आजकल सियासत की गलियां।

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21 JUL 2018 AT 12:05

DaminiQuote
कुछ इस वजह से रात मैं तेरी गली में था,

तेरी गली का चाँद मेरे छत के करीब था
🌠

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9 JUL 2018 AT 20:04


क्यूँ रुक जाते हो शाम से पहले

जब सफर चाँद के आखिरी कश तक है
🌠

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6 OCT 2018 AT 22:20

अजीब फलसफा है ऐ जिक्र
तेरा भी🌠

तुम करो तो अच्छा लगता है~हम करें तो कांटो सा चुभता है✍️ #/💚

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28 JAN 2019 AT 8:59

सर्द है हवाओं की चाल बहुत
सर्द है हवाओं की चाल बहुत रूख साफ-साफ नहीं दिखता,
अजनबी सा जान पड़ता है मेरा शहर,
बस अपना सा नहीं लगता। आज भी कायम है गलियों में कदमों का सिलसिला;
महंगी रंगीन सी सिलवटों में तन्हा गुजरते चेहरे,
बस अधरों से मुस्कान नहीं मिलता।
बेशक दिवारें आलीशान हो गईं मुहल्लों की
पर सामत आ गई आजाद परिन्दों की ;
हल्की आहट से जान लेते थे जिनका पता ; हल्की आहट से जान लेते थे जिनका पता वो खामोशियाँ भी आलीशान हो गईं। खुलती है खिड़कियाँ ;
खुलती है खिड़कियाँ सच है,
पर शीशे में साफ-साफ नहीं दिखता, कहते हैं हवाओं में धूल बहुत है,
कहते हैं हवाओं में धुल बहुत है. . . हाँ, बचपन ने पढ़ा था कभी किताबों में __ बस,
बस अब दिमाग बेअसर नहीं दिखता।
अजनबी सा जान पड़ता है मेरा शहर.....✍ #/💚

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4 JAN 2019 AT 16:30

जिक्र🌠
मिट्टी का भी कर बैठते हैं लोग
फिर वो तो तपती दुपहरी में शाम सा है

हैरान न हों
अगर आज काफिले में मुश्किल है
आगे सफर थोड़ा बोझिल है
गुजरना है जो उसे
हर हाल में दरमियाँ
फिर रास्तों में फिक्र को कौन तय करे
🌠
जिसे फर्क ही नहीं पड़ता जीत या हार से
उन कदमों का क्या कहें
अब क्या उसके दिल में है✍️ #/💚

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12 DEC 2018 AT 15:03

🌠रुतबे की बात न कर🌠
तुं इश्क के आसमान में रहता है
इबादत के समंदर ने लिखी है तकदीर तेरी
तुं हर दुआओं की शाम में रहता है✍ #/💚

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11 SEP 2018 AT 0:25

DaminiQuote

आइना जो कह दे ~ साफ है चेहरा तेरा,
🌠
क्या मजाल फिर किसी की ~ तुम्हें दागदार कर दे।

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