यह सफ़र
तन्हाई का
निकल पड़ी
ज़िंदगी अब
अंतर्द्वंद का
कहर
जीना है हर पल
यादों के
छाले
मन में
संभाले हुए
💞💜💞-
प्रेम में पड़ी स्त्रियाँ
सुख दुख के अतिरेक में भी
शांत बहती नदी सी
अविचल रहती हैं,
उनका समर्पण
ईश्वरीय होता है...
पुरूष की रूह में
मोंगरे सी महकती हैं
प्रेम में पड़ी स्त्रियाँ,
तब पुरूष संपूर्ण ध्यान में
अवतरित होते हैं
और स्त्रियाँ वंदनीय !!!
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आज पूरे चाँद की रात
किए हुए श्रृंगार
तेरा इन्तज़ार
बस! तेरा इन्तज़ार...
बालों में गजरा / गुच्छे कानों में
छोटी सी कामुक नथनी
कजरारी अखियों में मान मनुहार
कंपित कंपित से होठों पर
रसिक मधुर मुस्कान
आ जाओ प्रिये
तुम आ जाओ...
गलबहियाँ डाले/कुमुद चाँदनी में
नदी किनारे रास रंग में
डूब चलें...
आज पूरे चाँद की रात
किए हुए श्रृंगार
तेरा इन्तज़ार
बस!तेरा इन्तज़ार...
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रात के अंतिम पहर में
तुम्हारा प्रेम
ग़ज़ल बन गुनगुनाने लगा मुझमें,,,
मेरा तकिया
खुशबूदार हो गया,,,-
वो हिज्र की इक रात थी
ज़ुदा हुए थे जब
किसको सुनाएं अब
दर्द ओ ग़म ज़िंदगी के-
न जाने क्या सही हुआ
के हम लौट ही आए
दुआ यही करो के अब नज़र न लगे 🖤
💞💜💞-
जब कभी सोचता हूँ
अपने बारे में
मुझे भरपूर याद आती है
ज़िद्दी स्वभाव वाली
वह सीधी साधी लड़की
जो मेरे लिए हो गई है बांवरी
जो क्षण क्षण खुद को न जी कर
जीती है मुझे
मेरे ही लिए-
तेरे चले जाने के बाद
मेरा अपना वजूद
मेरा नहीं रहा
ख़ुदाया कौन ले गया-
उम्र का
वक्त का
कोई परहेज़ नहीं
करती दोस्ती...
होती है तो
नर नारी का कोई
फ़र्क नहीं
रखती है दोस्ती...
सुख दु:ख में
संग चलने का
निर्वाह
करती है दोस्ती...
खुशियाँ हरपल
मुबारक हो उसे
यही कामनाएँ
करती है दोस्ती...
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