QUOTES ON #प्रियामृतावधेश

#प्रियामृतावधेश quotes

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9 OCT 2020 AT 17:21

#प्रियामृतावधेश

वो
जिसको
समझा था
हरदम अपना
ज़रूरत पर वही
धोखा दे गया मुझे
जब तक था मतलब उसको
हर काम किया उसने मेरा
कोई किसी का नहीं बिना स्वार्थ ।
छोड़ के आशा करना परमार्थ ।
रखो नहीं किसी से अपेक्षा
रहना नहीं कभी आश्रित
खुद करो अपने काम
सम्बन्ध भुलाओ
छोड़ो उनको
झूठे हैं
अपने
जो

इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना-09102020
शिवपुरी मध्य प्रदेश

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25 SEP 2020 AT 12:37

#प्रियामृतावधेश #प्रियामृतावधेश_संग्रह

#ठग

ठग
धरता
भेष अलग
बनकर भोला
जीतता भरोसा
लूटता सब कुछ यहाँ
भाग जाता दूर सबसे
लौटता फिर नया भेष लिए
सावधान रहना होगा हरदम।
सत्य वचन कहना होगा हरदम ।
मुखोटे के पीछे देखो ज़रा
कैसा दिखता है मुखड़ा
चौंक उठो गर तुम भी
असलियत जान तब
दंडित करना
इसको तुम
धरकर
पग

इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना
शिवपुरी मध्य प्रदेश

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30 OCT 2020 AT 10:41

#प्रियामृतावधेश
#विदाई #सेवानिवृति

छिन
जाते
सबसे ही
अधिकार सभी
अधिवार्षिकी आयु
हो जाती जब पूरी
ऑफिस और ऑफिसर भी
छूट जाते सभी झटके में
जो भी आया है वो जाएगा ।
कर्मों के फल भी वो पाएगा ।
सुखमय होगा भावी जीवन
आगे स्वस्थ रहे तन मन
साथी करें कामना
विदाई पलों में
कर्म धर्म पथ
बढ़े चलें
शुभ हों
दिन

इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना- 30102020
शिवपुरी, मध्य प्रदेश

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26 MAR 2020 AT 10:00

#प्रियामृतावधेश #priyamritaawadhesh

ये
डॉक्टर
ही हैं जो
भगवान रूप
में पूजे जाते
सबका करें उपचार
और बचाते ये जीवन
ये ही निभाते अपना धर्म
आओ अब इनकी मदद करें हम ।
सब छोड़ कर अलग-थलग रहें हम ।
वायरस का इलाज नहीं है
इससे दूरी ही बचाव
संकट जो आया है
इसको टलने दो
धैर्य रखो बस
भय छोड़ो
मानो
ये

अवधेश
26032020
Awadhesh Kumar Saxena

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27 FEB 2020 AT 7:32

मेरी मौलिक विधा #प्रियामृतावधेश #priyamritawadhesh में एक कविता #फूल

फूल
मुलायम
शूल कठोर
शूलों से घिरा
हंसता मुस्कुराता
खिलता खिलखिलाता
तितलियों को रस देता
मन मोहक खुश्बू फैलाता
वर माला में पिरोया जाकर
वर से वधु का मधुर मिलन कराता
चरणों में कभी सिर पर चढ़ जाता
देव पूजा की थाली में आकर
जीत पर किसी गले में हो
स्वागत का माध्यम बने
शहीदों की समाधि
या शवों पर चढ़
धन्य मानता
आभार
फूल

#अवधेश #awadhesh
27022020

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24 JUL 2020 AT 17:45

मेरी मौलिक विधा #प्रियामृतावधेश में #कविता

#आँखें

मन
पागल
दीवाना
हो जाता है
उसकी आँखों से
आँखे जब मिल जातीं
सुध बुध सब खो जाती है
सपने क्या क्या दिखते मुझको
आँखे कितनी गहरी होती हैं ।
उड़ती नींदें पर वो सोती हैं ।
मिलन कभी तो होगा उससे
प्यार भरी बातें होंगीं
बिन पलकें झपकाए
आमने सामने
आँखों से ही
शीतल हो
तपता
तन

अवधेश सक्सेना- 24072020
Awadhesh Kumar Saxena

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5 JUN 2020 AT 12:48


मेरी मौलिक विधा प्रियामृतावधेश में
आम

जब
मुझको
मिला वही
परिचित गरीब
रास्ते में ठहर
हम बात कर रहे थे
आम के पेड़ के नीचे
एक कच्चा आम गिरा वहाँ
जैसे मुझे छूने की चाह में
उसी ने रुकवाया था राह में
पेड़ भी आकर्षित हुए हैं
देखो मेरी आभा से
पर उस आम का भाग्य
मैंने उसे दिया
उस गरीब को
गरीब खुश
हम खुश
अब

अवधेश-05062020

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16 OCT 2020 AT 13:02

#प्रियामृतावधेश
पिरामिड को प्रियामृत भी कहते हैं, वास्तु विज्ञान कहता है कि प्रियामृत के अंदर जो भी वस्तु रखी जाती है, वो संरक्षित रहती है ।
किसी दृश्य या घटना को देखकर हमारे मन में कभी कभी विशेष विचार आते हैं, कुछ नई अनुभूति होती है,ऐसे विचार, ऐसी अनुभूति को अपने भावों में शब्दों के माध्यम से प्रकट कर दिया जाए तो अन्य लोगों तक इन विचारों और अनुभूतियों का सम्प्रेषण हो सकता है ।
इसी सम्प्रेषण को कविता रूप में लिखने के लिए #प्रियामृतावधेश ऐसी विधा है, जिसमें लिखे गए शब्दों के माध्यम से किसी विचार या अनुभूति को अमर किया जा सकता है ।
अंक शास्त्र में 9 के अंक का महत्व सभी जानते हैं ।
छंद शास्त्र में मात्राओं के संयोजन का महत्व है, जो एक विज्ञान है, आदिदेव महादेव और वेद शास्त्रों से लेकर आधुनिक काव्य शास्त्र तक कथ्य को रोचकता प्रदान करने के लिए छंद रचना की जाती रही है ।

इंजी.अवधेश कुमार सक्सेना-16102020
शिवपुरी,मध्य प्रदेश

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5 JUL 2020 AT 17:25

मैं
सीखा
करता हूँ
कुछ कुछ सबसे
गुरु मानूँ सबको
पुस्तक, पक्षी, पौधे
हर प्राणी देता शिक्षा
गुणों के सागर हनुमान जी
सबके ही चरणों में झुकता हूँ ।
किसी एक जगह नहीं रुकता हूँ ।
बढ़ता जाता मंजिल पाने
गुरूओं से ज्ञान पाया
जीवन सफल बनाया
पाया वो बाँटा
यही सिखाती
गुरुवाणी
गुरु रब
हैं ।

अवधेश सक्सेना-05072020
शिवपुरी मध्य प्रदेश


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23 OCT 2020 AT 18:12

#प्रियामृतावधेश
#जीवन_नदिया

सम
रहना
सुख दुख में
जीवन नदिया
बहती जाती है
उदगम से सागर तक
किनारे साथ चलते हैं
सागर में वो जब मिलती है
सब कुछ यहीं पर छूट जाता है ।
बंधन सभी से टूट जाता है ।
चलते ही रहना है हरदम
सुख आए या दुख आए
रुकना तुम नहीं कहीं
थकना नहीं कभी
मंज़िल पाकर
चैन मिले
लेना
दम

इंजी. अवधेश कुमार सक्सेना-23102020
शिवपुरी मध्य प्रदेश

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