संसार भर में केवल "भारतीय प्याज़" में ही तमस के साथ-साथ "राजनीतिक क्रान्ति" लाने के गुण भी पाऐ जाते हैं।
निराले नियम #26-
आम देश साधारणतः
पहले अच्छी सड़कें बनाते हैं
फिर उन पर चलने के कड़े नियम।
हम ख़ास हैं!
असाधारण तौर पर
हमने सड़क पर चलने के
कड़े नियम बना लिए हैं।
अब एक दिन सड़कें भी बना लेंगे।
निराले नियम #1-
आधुनिक भारतीय साहित्य में यदि लेखन में केवल स्वदेशी भाषाओं का प्रयोग हो तो बुद्धिजीवी पारखी पढ़ते ही भाँप जाते हैं कि लेखक इल्लिट्रेटे (अनपढ़) है।
निराले नियम #25-
"सीट दें!"
"यह सीट वृद्धों और विकलांगों को दें।"
इस निर्देष के बाद भी जिन वृद्धों और विकलांगों (मानसिक) को सीट नहीं दी जाती वह राजनैतिक सीटों पर चढ़ बैठते हैं।
#निराले_नियम-
जिस तरह मेंढ़क अपनी टर्र से बता दे देता है कि बरसात आ गई है। उसी तरह भारत का पढ़ा लिखा वर्ग दफ़्तरों में भारतीय परिधान पहन कर बता देता है कि कोई भारतीय त्यौहार आ गया है।
#निराले_नियम 30-
तरक़्क़ी के दौर में हम वहाँ हैं जहाँ अँग्रेज़ी ग़लत लिखना अनपढ़ होने की निशानी है।
और मातृभाषा ग़लत लिखना पढ़े-लिखे होने की।
#निराले_नियम-
"मानव का विकास क्रम"
विकास क्रम में जब भी पशुओं में कोई महामारी आई तो उन्होंने प्रतिरक्षा के नए रास्ते ढूँढ़े। लेकिन मानवों ने महामारी में व्यापार के नए रास्ते तलाशे।
#निराले_नियम-
हम भारतीयों के मुँह पर मास्क,
भारतीय कानून और
सरकारी मेडिकल सुविधाएँ,
तीनों में एक समानता है।
तीनों होते हैं।
लेकिन वहाँ नहीं
जहाँ उनकी ज़रूरत होती है।
#निराले_नियम-
"संजीदा शायर"
आजकल एक संजीदा शायर वही है जो उर्दू के ऐसे अल्फ़ाज़ लिखता है जिनका मतलब उसे भी ठीक से नहीं पता।
#निराले_नियम-