ना तुम बदले ना हम, वक़्त बदल गया शायद
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ख़्वाहिशों को पूरा कर लो
वक़्त रहते ही,
कहीं ये मलाल ना रह जाए की
जिंदगी जियें ही नहीं।-
ना जाने कब वो शरीक हो गये दिल के जज़्बातो में,
नाम उनका हीं आता है अब तो हर बातों में।-
वो इश्क़ इश्क़ हीं क्या जिस में जुनून ना हो
और वो सनम सनम हीं क्या जिस में गुरूर ना हो।-
रौशनी कम पड़ गई है आँखो के लिए,
जब से देखा है इन्होंने नूर-ए-हुस्न तुम्हारा
चुँधिया सी गई हैं।-
फर्क सिर्फ इतना है कि इस तरफ़ है राख़ बुझी हुई और उस तरफ़ है आग लगी हुई।
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करवटे बदलता रहा रात भर तेरी याद में
सिलवटे देखता रहा बिस्तर पर तेरे एहसास में,
थंडी सासें लेता रहा तेरी जुदाई में
और गर्म आहे होती रही तेरे जिस्म की ख़्वाहिश में।
रात यूहीं गुजरती रहीं तेरे ख़्वाबों में,
सुबह ना जाने कब हुई तेरे ख्यालों में,
दिन खत्म हुआ तेरे साथ को तरसने मे
और शाम भी लौट गई तेरे मिलने की आस मे।
हाथ मलना ही हे हमेशा किस्मत में,
सोहबत लिखीं ही नहीं हे शायद तकदीर में,
जितना पास आने की कोशिश करता हूँ तेरे,
उतना ही दूर रहना मजबुरी हे इन हालातों में।-
कट जाता है सफर,
मुश्किल भरीं होती है हर डगर,
देर लगती है मगर,
मंजिल मिलती है कर सबर।-
कांट रहे है जिंदगी यही समझने में
की वो लौट आने का वादा था
या दिलासा था जो तुम दें गए थे जाते-जाते।-