मुद्दतों से लापता थे हम
ज़िंदगी के कारवाँ में....
आज फ़ुर्सत से बैठे तो
ख़ुद से मुलाक़ात हुई।-
मेरे साथ तेरी मौजूदगी का
अहसास मुझे आज भी है
हर घड़ी मेरे ज़हन में
तेरा खयाल आज भी है
हर दुआ में मांगी है
बस तेरी ही खुशियां
तेरी फ़िक्र में दिल मेरा
परेशान आज भी है
उस दिन तुझ से बिछड़ते वक़्त
जो हाल था मेरा सच कहूं अगर
बिल्कुल वैसा ही
हाल मेरा आज भी है।-
तेरी बाहें थामें मैं यूं
ही वर्षों गुज़ार दूंगा !
अगर तुझे मेरी नादानियां
नही पसंद तो तेरे लिए मैं
अपने दिल को भी सुधार
दूंगा !!-
जब आप किसी से "प्यार" करते हैं
और वही शख़्स आपकी किस्मत में नहीं होता
और देखते ही देखते वो आपसे बिछड़कर दूर चला
जाता है, और आप तन्हा रह जाते हैं, फिर जब वक़्त बीतता है और ज़िदंगी बीतते वक़्त के साथ आगे बढ़ती है, तो हम उस इंसान को धीरे-धीरे भूलने लग जाते हैं लेकिन उसकी आंखें हमें याद रह जाती हैं, और उसकी धुंधली सी यादों के सहारे ही हम जिंदगी काट लेते हैं,
शायद इसी को "मोहब्बत" कहते हैं,
जो हमे आज भी है। 💔
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कोई खुशियों की चाह में रोया
कोई दुखों की पनाह में रोया
अजीब सिलसिला है जिंदगी का
कोई भरोसे के लिए रोया
कोई भरोसा कर के रोया।-
तुम्हारे जाने के बाद किसी और को
उस नजर से कभी देखा नहीं मैंने...
सूख गया तुम्हारा दिया वो गुलाब
मगर आज तक फेंका नहीं मैंने...।-
हम हंसते भी हैं तो सिर्फ़
अपने गम छुपाने के लिए
और लोग कहते हैं कि काश
हम भी इसके जैसे होते।
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आज पहली बार कुछ लिखने की कोशिश कर रहा हूं, मैं कोई लेखक नहीं हूं और ना ही कुछ अच्छा लिखना जानता हूं, बस कुछ अरमान है मेरे जिन्हें डिजिटल कलम के माध्यम से कागज़ पर उतरना चाहता हूं ताकि ये हमेशा स्मृति में मीठे स्वाद बनकर घुलते रहें।
धन्यवाद 🙏-