भले ही खंडहर पड़े है घर पहाड़ों के हमारे
लेकिन पितरों का वास आज भी होता है-
24 JUL 2019 AT 17:56
20 OCT 2019 AT 7:34
जरूरत नहीं हमें करोड़ों का मन्दिर बनाने की
उत्तराखंड से है....
एक पत्थर को ही अपने इष्टौ का थान मान लेते है-
भले ही खंडहर पड़े है घर पहाड़ों के हमारे
लेकिन पितरों का वास आज भी होता है-
जरूरत नहीं हमें करोड़ों का मन्दिर बनाने की
उत्तराखंड से है....
एक पत्थर को ही अपने इष्टौ का थान मान लेते है-