मेरा तो गांव हैं ऐसा
इन्द्र का स्वर्ग हो जैसा
यहाॅं तो मौज हैं यारों
खुशियां रोज हैं यारों
खेत खलिहान यहां देखों
मौसम रोज नया देखों
चहकती चिड़िया आंगन में
बहती नदियाॅं बिन सावन में
खुले मैदान हैं आसमां जैसा
खेत खलिहान सागर जैसा
#दाल_संग_भात चलती हैं
सब्जी संग आचार मिलती हैं
तरूआ पापड़ चलती हैं
लिट्टी-चोखा तो घर-घर मिलती हैं
#बड़ा__ही__स्वाद__हैं__प्यारा
ये तो कुछ गांव की बात हैं यारों..!-
1 JAN AT 11:26