मेरा तो गांव हैं ऐसा
इन्द्र का स्वर्ग हो जैसा
यहाॅं तो मौज हैं यारों
खुशियां रोज हैं यारों
खेत खलिहान यहां देखों
मौसम रोज नया देखों
चहकती चिड़िया आंगन में
बहती नदियाॅं बिन सावन में
खुले मैदान हैं आसमां जैसा
खेत खलिहान सागर जैसा
#दाल_संग_भात चलती हैं
सब्जी संग आचार मिलती हैं
तरूआ पापड़ चलती हैं
लिट्टी-चोखा तो घर-घर मिलती हैं
#बड़ा__ही__स्वाद__हैं__प्यारा
ये तो कुछ गांव की बात हैं यारों..!-
की मर्द कभी नहीं रोते हैं
जयपुर👉(राजस्थान)
मधुबनी👉(बिहार)
मेल👇
Rambabu... read more
छाया जबसे तेरा हैं नशा
ये दिल दिवाना हो गया
तेरा याराना हो गया
मैं वीराना हो गया
तेरा आवारा हो गया
अब मैं तो बेचारा हो गया
अरे मैं तो घायल हो गया
ये दिल मेरा पागल हो गया
कोई मुझे संभालो मेरे यारो
किसी को वैध को बुला दो
मैं अब रह नहीं सकता
कुछ कह नहीं सकता..!!-
गांव-गांव हर घाट सजी हैं
नगर-नगर हर तालाब सजी हैं
मिथिला आंगन चमके ऐसी
मानो जैसे बारात लगी हैं
पहचान हमारे संस्कृति की हैं
करते सब इनकी बखान हैं
शब्दों से क्या बयां करूं मैं
ये आस्था अटूट विश्वास कि हैं
कौन अमिर कौन गरीब हैं यहां
जात-पात सब एक समान यहां हैं
गर्भ हमें अपने संस्कृति पावनपर्व पर
जहां मिलते आनंद लोक आस्था पर.!!-
गरीब पर अत्याचार हो रहा
आमिर को देखा बीमार हो रहा
हो रहा मनमानी आज दुनिया में
मतलब के संसार हो रहा
तीस दिन की हमारी तनख्वाह
अठ्ठाईस दिन का रिचार्ज हो रहा
मौके पर सब चौक के लग रहे
बात से ज्यादा रिचार्ज करा रहे
अंधे-बहरे दुनिया में हैं गूंगे
बात-बात पर चेहरे हैं बदले
उनसे डरो जो हैं दुनिया के रखवाले
ऊपर बैठ देख रहे हैं सब लालें..!!-
चढ़ा रंग सिंगर व्रत का
रौशन करता चांद हैं सबका
चांद से मांगा उपहार हो तुम
करवा चौथ का प्यार हो तुम
जीवन तुमसे बनती सतरंगी
मेरे जीवन अगवान हो तुम
आज तो हम फरियाद करेंगे
चांद से बात पुरी रात करेंगे
आज चांद की बात निराली
करवाचौथ आईं हैं प्यारी
मेरा तो एक श्रृंगार तुम हो
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की
घर आंगन उजियारा तुम से
मेरा तो त्योहार हो तुम..!!-
मुझे दोस्ती का सारा नशा उतरता चला गया
मैं पहचाना नहीं और वह बदलता चला गया
वह दोस्ती झूठ की करता चला गया
मैं चेहरा पहचान नहीं वह बदलता चला गया
धीरे-धीरे मेरा जख्म बढ़ता चला गया
हर बात को वह मरहम लगाता चला गया
मैं हद से ज्यादा पुकारता चला गया
अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मैं मारता चला गया
मैं समझ ना पाया उन लोगों को
और रास्ते यूं ही मैं भटकता चला गया
दोस्ती अब समझ में आया मगर देर से
अब दोस्ती का नशा उतरता चला गया..!!-
जो कर रहा हैं तुझ पर विश्वास
कभी छोड़ना मत उसका साथ
विश्वास लफ्ज़ संग जुड़ी रहती हैं
ना जाने कितनी बड़ी आस
तेरा मेरा कभी टूटे ना ये रिश्ता
और तुम कभी छोड़ना ना मेरा हाथ
तुम्हें अच्छाइयों पर विश्वास नहीं
बुराइयों पर चोट खाया करते हो
एक इंसान ही दूसरे इंसान की
समझ नहीं पाते उनकी बात
एक इंसान होकर दूसरे इंसान पर
तुम क्यों धोखा किया करते हो..!!-
मुझे रख लो अपने दिल में
तेरी ही निशानी हूँ मैं
मेरा कोई और नहीं इस जहाँ में
एक तेरा ही दिवाना हूँ मैं
गर तुम देखती हो मुझको
मेरे दिल में बेचैनी-थरथराहट होता हैं
मैं ना देखूं तुम्हे
तो मेरा दिल में घबड़ाहट होता हैं
जब नजरें ताकती तुमको
तब मेरा अरमाॅं मचल जाता हैं
मुझे चाहने वाले कई मिले
दिल लगाने वाले कोई ना मिला..!!-
जो देखा हैं तुम्हें वो तुम्हारा हो गया
आज का नर को देखा आवारा हो गय
रुख-ए-जालिम का मारा बेचारा हो गया
तेरी निगाहें का हैं ये जादू
तेरी किमत तो हैं बेकाबू
कम-बख़्त चैन वो ना पाये
सबको करदे इतना प्यारा
प्रभु तेरी रहमत के सहारे
दुनिया लगें अदभुत नजारा..!!-