यूं तो चांद भी भटकता है रात भर मैं जो भटक गया तो बात क्या है ?
सारी दुनिया रोती है छुपकर मैं जो थोड़ा रो लिया तो बात क्या है ?
हर किसी को तलब है प्यार की मैंने थोड़ा सोच लिया तो बात क्या है ?
रोशनी की चाहत तो सबको है मैंने थोड़ा अंधेरा मांग लिया तो बात क्या है ?
जिंदगी के हसीन ख्वाब में मैंने उससे मांग लिया तो बात क्या है ?
हर किसी ने महफिल को चाहा यहां मैंने तनहाई को चाहा तो बात क्या है ?
यूं तो चांद भी भटकता है रात भर मैं जो भटक गया तो बात क्या है ....-
24 SEP 2019 AT 0:34