जैसे एक बूंद का छप्पर से टपकना,
जैसे पत्ती का पेड़ से झड़ना,
जैसे बादल का अहंकार,
जैसे उनमे से बारिश होना,
जैसे ऋतुओं का बदलना,
जैसे सूरज का डूबना,
जैसे तुम्हारा चले जाना,
बिल्कुल वैसे ही,
मेरी हिम्मत का टूट जाना।-
18 MAR 2020 AT 17:38
24 MAR 2020 AT 2:59
जैसे तुमने अपना आसमान आज मुझे दे दिया है,
बहुत दिन बाद आज खुश दिखे तुम।-
27 MAR 2020 AT 2:02
नींद भी मेरी अब मुझसे खीज गयी है,
कहीं इसे तुम्हारे ना आने का पता तो नही चल गया?-