कृष्ण मन के मंदिर में हैं, बाहर ना ढूंढों कुछ और,
ये खालीपन, ये सूनापन, भूल आओ कृष्ण की ओर।
तुमको तुममें हीं समस्त ब्रम्हांड दिखेगी,
बंद करों आँखें, राधेकृष्ण में डूब जाओं और।
क्षीर सागर में अमृत ही अमृत, विष नहीं तनिक और,
सुकून, शांति, मोक्ष का धाम बनोगे, आओं कृष्ण की ओर।-
26 MAY 2021 AT 21:41
26 MAY 2021 AT 21:31
तुम्हारी सूरत, नजर से मेरे, उतरती नहीं, मैं क्या करूँ ?
तुमसे मिले एक साल हुए, तुम मिलते नहीं, मैं क्या करूँ ?
हे कृष्ण, गोविंद, राधे मेरे, कुछ ना समझ आये, अब क्या करूँ ?
दुनिया प्रलय की ओर दिख रही हैं, हर मोड़ पर बस मौत खड़ी हैं,
मेरे श्यामा, कान्हा मेरे, दर्शन दें, अब दर्शन दें।🙏🙏🙏
इस मोह माया को बनाता हैं तू, हरबार इसको मिटाता हैं तू।
दुनिया मिटने से पहले बता, तू दर्शन देगा मुझे या नहीं ?
तुम्हारी सूरत, नजर से मेरे, उतरती नहीं,
मैं क्या करूँ ? 🙏🙏🙏
# तिरुपति बालाजी-