QUOTES ON #डायरी_के_किस्से

#डायरी_के_किस्से quotes

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13 MAY 2020 AT 19:33

कल शाम की बात है मैं अपनी छत पर बैठा-बैठा बोर हो रहा था फिर अचानक एक ख्याल आया और मैं नीचे जाकर अपने कमरे में गया और अपना पुराना बक्सा खोलकर उसमें से मेरी 8 साल पुरानी डायरी को मम्मी से छुपाकर ऊपर छत पर ले आया। बहुत दिनों के बाद उसे निकाल कर लाया था फिर उसे खोल कर बैठ गया और पढ़ने लगा।
बहुत कुछ लिखा था मैंने उसमें बहुत कुछ नहीं शायद सब कुछ मेरे वो 8 साल जो सिर्फ तुम्हारे साथ थे। सब कुछ तेरे बारे में लिखा था तुझे पता है ना तेरे बारे में लिखना कितना पसंद था मुझे आज तुम मेरे साथ नहीं हो फिर भी मैं तुम्हारे लिए लिखता हूं। खैर छोड़ो।
इस डायरी में मैंने क्या-क्या लिखा था शायद मुझे भी याद नहीं फिर उसे पढ़ते पढ़ते शायद मैं अपनी जिंदगी के आठ साल पीछे चला गया था फिर अगला पन्ना पलटते ही मेरी नजर उस सूखे गुलाब पर पड़ी जो तुमने मुझे मेरे जन्मदिन पर दिया था। मैं ध्यान से उन सूखी पत्तियों पर तुम्हारे नाम को देख रहा था फिर अचानक बारिश की बूंदे मुझ पर और गुलाब पर ऐसे आ गिरी। जैसे मुझे और उस सूखे गुलाब को फिर से जगाने आई हो। लेकिन
शायद इस बारिश को नहीं पता कि मुरझाए गुलाब और मुरझाई जिंदगी फिर से नहीं खिलती।
कितने दिन हो गए हैं तुम्हें गए हुए लेकिन फिर भी ऐसा लगता है जैसे कल ही की तो बात है....
आज भी याद आती है तुम्हारी
Rahul Manjhi


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