QUOTES ON #ज्योतिर्मय_रचित

#ज्योतिर्मय_रचित quotes

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22 MAR 2020 AT 11:54


मिल के हरा दें

चलो सब मिल के हरा दें
वायरस को धूल चाट दें
एक बार विश्व को दिखा दें
कि हम सब एक साथ हैं।

_ ज्योतिर्मय_रचित



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2 MAY 2020 AT 10:37

मुस्कुरा_दीजिए

मुस्कुरा दीजिए की आप है जिंदा,
ये मुसीबतें भी हो जाएंगी शर्मिंदा।

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6 DEC 2019 AT 19:22

इंसानियत

आज एक वृद्ध अशक्त व्यक्ति को मैंने कुछ जलपान हेतु निवेदन किया ।उन्होंने चाय पीने की इच्छा जाहिर की।जलपान के उपरांत उन्होंने मेरे चरण स्पर्श करने चाहे तो मैने उन्हे रोक दिया।लेकिन जाने क्यूं वहां से वापस आते समय मुझे बहुत रोना आया ।मैं लगभग बिलख बिलख कर रोया।मुझे अपनी क्षुद्रता का अहसास हुआ।मन ही मन मै इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि जाने अनजाने में हम हर रिश्ते को सिर्फ और सिर्फ पैसों में ही तोलते है। जब की इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है।

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2 JUN 2021 AT 20:56

#हौसले_और_पंख

पंख तो मिले ही नहीं,
उड़ता मैं कैसे,
ये बात अलग है,
हौसलों की उड़ान है बाकी|
#नई_स्याही
#ज्योतिर्मय_रचित
#725/02/06/21

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30 APR 2020 AT 22:46

ताज़गी_की_सांस

थोड़ा बोझ उतार के,सुस्ता लो
जहान की बैचेनियों को विराम दो
माना कि दुनिया है, थम सी गई
पर कल फिर होगी, गहमागहमी
धूल,धुएं के काफिले,रेले और मेले
अभी तो ताज़गी की सांस भर लो,
थोड़ा ठहर के, जिंदगी को जी लो।

ज्योतिर्मय_रचित




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28 MAY 2021 AT 23:08

#बरसे_ बगैर_बादल

इतने दरवाजों से गुजरते आए हैं,
की पांव के छाले कब सूखे, याद नहीं,
तुम आंख के पानी की बात करते हो
यहां तो बादल भी, बरसे बगैर गुजर जाते हैं।
#नई_स्याही
#ज्योतिर्मय_रचित
28/05/2021

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29 APR 2021 AT 20:24

#कुछ_खुशुबुएं_कुछ_दुआएं

ये सपनिली दुनिया हैं ,दोस्त यहां
अपने हिस्से की सारी खुशबुएं पाओगे,
कुछ बद्दुआएं भी साथ देंगी,
पूरा साथ देंगे कुछ दोस्त प्यारे
कुछ दुश्मन भी दूर से निगाह रखेंगे
कुछ बयार,कुछ प्यार कुछ दुलार
और आखिर में संसार की दुत्कार
कुछ मुस्कुराहटें,कुछ दीवानापन
कुछ खोना ,कुछ पाना, क्या ले जाना
बस जिंदगी यही है प्यारे
बस चुन लो अपनेपन की चाहतें।
#नई_स्याही
#ज्योतिर्मय_रचित
#29/04/2021



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29 OCT 2020 AT 9:58

कुछ फूल आए हैं

खुशनसीब हो की तुम्हारे बाग
में कुछ फूल आए हैं
यहां तो लोग बरसों,
से खाद पानी दे रहे
और पौधे अभी भी कुम्हलाए हैं।
नई_ स्याही
ज्योतिर्मय_रचित

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8 JUN 2020 AT 0:14

पागल दिल

कितना पागल है ये दिल,
किसी ने हाल पूछा,बस मचल ही गया
किसी ने मुंह फेर लिया, बस रूठ ही गया
किसी ने ढाढस बंधाया,बस रो ही दिया
किसी ने जिक्र कर दिया, बस उसी का हो गया
हर समय उलझा,बेताब सा ,किसी को ढूंढता
कभी मदहोश ,कभी बेखौफ,कभी मदमस्त
कितना पागल है ये दिल।
#गर्म_लोहा
#ज्योतिर्मय_रचित

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31 JUL 2021 AT 19:53


#उसकी_मर्जी
पहाड़ की ऊंचाई कम आंकते हो,
दूसरे के दामन में क्यूं झांकते हो
सामने वाला जर्रा हो सकता है
और जर्रा तूफान उठा सकता है।
#जर्रा_और_तूफान
#727/31/7/21

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