आज लोग बन्द है जो अपने ही घर में तो
कोई पाप धोने अभी गंगा नही जा रहा
पन्नी नही बह रही गंगा जी के साथ साथ
ना ही अस्थियों का कोई संग्रह भी जा रहा
मानवों के देह के जो मैल घुलते थे वहां
आज भागीरथी अपनी धुन में बहा जा रहा
देख लो नजारे तुम संगम पधार के तो
गंगा अलकनंदा सब साफ नजर आ रहा ..
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कुछ लोग ही तो है जो इस धरा को सम्मान देते है
विश्व पटल में भारत को अलग आसमान देते है
हम तो सुरक्षित बैठे है ना चार दिवारी के भीतर
वो सरहद पे लड़ते है और अपनी जान देते है ।।
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#वीर शहीदों को नमन
#हंदवाड़ा
#3 मई 2020
#कवितुषारजयहिन्द
2 अफसरों सहित 5 जवान शहीद
💐💐😔😔
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बड़ी बड़ी बातें करने वाले तो लाख होते है
जो जुबान का पक्का हो उसी के साख होते है
जो माँ को माँ बोले तो खून में शक नही करते
वैसे लोग ही तो देश के लिए हर बार राख होते है
तुम क्या बताओगे की कौम क्या सिखाती है
वो तो गर्वित करने वाले भारत के आंख होते है
जो मातृभूमि के लिए शहीद हों जाये हस्ते हस्ते
वो कौम से ऊपर जाकर साहब असफाक होते है
#अशफाक उल्लाह खान
#कवितुषारजयहिन्द
#जन्मदिवस-
एकल बत्ती से जिसके घर रोशन हो जाते है
सस्ता राशन खाके जो स्वाभिमान से सो जाते है
बढ़ते भारत की नींव है वो नही बोझ इस धरती के
बस ट्रेनों का लोभ नही वो पैदल ही चल जाते है
बड़े बड़े उद्योगों के हाथों की जीवन रेखा है
इस भारत की जीडीपी है कच्चा चिठ्ठा और लेखा है
और लोन हमेशा है मिलता सूट बूट और टाई को
मैंने मजदूर कभी नही देश छोड़ते देखा है
वो तो सीधा साधा है नही आराम सेकते देखा है
किसी बाग में धरना करते नही रेकते देखा है
स्वाभिमान का स्तर इतना जैसे सूर्य की किरणे हो
मैंने मजदूर कभी नही पत्थर फेंकते देखा रहे है
भूखे प्यासे लब चिपके है पानी तक नसीब नही
मजदूरों की बात करे पर कोई उनका हबीब नही
पीएम केयर सीएम केयर कई घोषणा करते है
मरने वाले मजदूरो के अपने कोई करीब नही-
रक्तो की सरिता जो कल कल कर बह रही थी
बच्चो के देह भी तो गोलियां सह रही थी
गोरों के अत्याचार से भारत अब ऊब चुका था
आजादी की खातिर वो क्रांति में डूब चुका था
तो फिर क्यो हुकूमत ने गोलियो से भुनवाया था
बच्चे महिला और बुजुर्गों पे लाठी क्यो बरसाया था
चीढ़ इतना कि सभी लोगो को मौत के घाट उतार दिया
एक एक के सीने में गोली सैकड़ो छाती के पार किया
सबको मारने का माइकल ड्वायर का मंसूबा था
जिंदगी बचाने को तब हर कोई कुवें में डूबा था
एक एक मौत का हिसाब तब लंदन से लेना था
हिस्साब का जवाब इस बार सूत समेत देना था
तो उधम ने लंदन जाकर बिना गिने गोली सीने पार किया
जलियावाले का बदला लेकर हमसब पर उपकार किया
#शत_शत_नमन
#उधम_सिंग
#पुण्यतिथि
#कवितुषारजयहिन्द-
चाटुकारिता लहजे का प्रमाण नही हो सकता हु
झूठे मक्कारो सा मैं प्रगाढ़ नही हो सकता हु
तुमको आदत होगी झूठे बोल बोलने का मुखिया
पर मैं खोखला दिखने वाला पाषाड़ नही हो सकता हु
दोषी कितना कौन अभी है चर्चा इसपे कर लो तुम
परिणाम जानने लोगो से भी पर्चा इसपे भर लो तुम
ठेके खोले तुमने इसपे मौन नही हो सकता हु
गलत कार्य पे चुप बैठु मैं द्रोण नही हो सकता हु-
इस भारत की धरती को हम शीश झुकाए बैठे है
इसके गौरव गान को हम सब शीश नमाये बैठे है
पुरावृत्त के हर पन्ने पे ताज सजाए बैठे है
हम तो अपने रक्तो से जी तिलक लगाएं बैठे है
सर पे केसरी बाना पहने शौर्य बताये बैठे है
तीर धनुष संग तोपो की मशाल जलाये बैठे है
मातृभूमि की रक्षा को सीना ढाल बनाये बैठे है
बली चढ़ाने शत्रु की हम थाल सजाए बैठे है
#सेना
#थल_जल_नभ-
क्या किसी ने सरिता की धार रोक पाई है
जो बेटियों को उड़ने से तुम रोक पाओगे
जिन बेटियों ने सदा मान है बढ़ाया यहां
उनके इरादों को ना तुम सोख पाओगे
पांचाली का प्रण हो या त्याग माता पद्मिनी का
लक्ष्मी बाई की तरह दहाड़ते ही पाओगे
कल्पना बनेगी बेटी, पंख नही काटोगे तो
अंतरिक्ष मे गाड़ते तिरंगा देख पाओगे...
#कवितुषारजयहिन्द
#देश_की_बेटियो_को_नमन
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मुद्दे इस देश मे कई और है गड़े पड़े
कही कोई भूखा है तो अनाज है खुले पड़े
आज चौथे स्तंभ पे सवाल है बड़े बड़े
जिसके चक्कर मे बवाल है बड़े बड़े
रखना है एक पक्ष तो विपक्ष बन जाइए
करनी है राजनीति मात्र तो समक्ष आ जाइए
हर मुद्दे पे बोलके मजबूत पक्ष प्रत्यक्ष बन जाइए
देश को जरूरत है आपकीं कृपया निष्पक्ष बन जाइए
#पत्रकारिता
#कवितुषारजयहिन्द-
वक्त भी तो रक्त को खूब आजमाता है
जो वफादार है उसे मददगार बताता है
जो घोपे पीठ में छुरा अपने ही वतन के
वक्त उस नमकहराम को गद्दार बताता है
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