हिचकी और तुम।
कहते हैं कि दो मासूम नादान दिलों का
दुख-तकलीफ ग़म सिर्फ़ हिचकी ही समझे।
आजकल कमबख्त हिचकियां बहुत तंग करती,
सुनो सच कहना क्या तुम बेतहाशा याद करती।
सुनो ना चलो आज मैं भी कबूल करता हूँ,
तुमसे ही सिर्फ मैं बहुत-बहुत प्यार करता हूँ।
तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह सकता हूँ,
आज भी मैं तुमको ही बहुत मिस करता हूँ।
जब-जब तुम थे ना पास-पास बिल्कुल मेरे,
तब तुम्हारे प्यार को महसूस ना किया मैंने।
जितना हम तुमको शिद्दत से सनम चाहते हैं,
हिचकियां बहुत आती तो क्या तुमने याद किया।
जानेमन कसम प्यार की जल्दी से आ जाओ ना,
आकर मेरी सीने से लगकर बाहों में समाओ ना।-
25 JUL 2021 AT 11:54
16 JAN AT 23:07
वक्त के साथ जिंदगी में
कितना कुछ बदल जाता है
ख्वाब रह जाते है , आंखों में....
जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ जाता है.....…
जिंदगी की भाग दौड़ में अक्सर.......
सुकून कही खो जाता है .......
मुस्कान रहती है चेहरों पर.....
लेकिन दिल अन्दर से थक जाता हैं..........-
14 JAN AT 16:47
जिस्म पर लगा घाव भी अजब मसखरा होता है___
____लहू लाल निकलता है मगर जख्म हरा हरा होता है...!!
यूँ तो महफिलों में हँसते हुए मिल जाते है कई लोग___
___उनके भी दिल में कमबख्त दर्द जरा जरा होता है..!!-
23 NOV 2024 AT 14:55
*हमे पता है तुम कही और के मुसाफिर हो,*
*हमारा शहर तो बस यूँ ही रास्ते मे आया था।❤️*😪-