Thanku so much from tha core of
my hart to yourquote team..
I fell so glade..I have no words to explain my happynes..This is the wonderful moment in my life..-
कल तो तू हीं मुझे अकेले छोड़कर गयी थी
आज फिर मुझे इस कदर क्यों मना रही है?
सारे जहां को मेरे बारे में गलत बताकर.
अब तू मुझे ऐसे क्यों आजमा रही है?
तुझे तो मैं अपने दिल से भुलाना चाहता हूँ
फिर ऐसे मुझे याद करके क्यों सता रही है?
शायद इतने से भी तेरा दिल नही भरा है
जो अब भी इस कदर मुझे रुला रही है?
ये तो पता हीं नहीं कि गलती किसकी थी?
फिर भी मेरे बेवफ़ाई का वहम पाल रही है।-
लोग मुझसे हीं तेरे बारे में पूछते हैं..
तू बता तेरे बारे में क्या खास लिखूं?
तू तो मुझे आज भी गलत मानती है
क्या मैं भी तेरे लिए बकवास लिखूं?
मैं तुझसे इश्क भी बेइंतहा करता हूं..
तू कहे तो थोड़ा तेरा एहसास लिखूं!
मुझसे रूठ के ना जाने तू अब कहां है
तू कहे तो तुझे अपने आसपास लिखूं!
मेरे मोहब्बत में खासियत तो बहुत है..
तू ही बता तेरे बारे में क्या खास लिखूं?-
जब-जब तेरे बारे में सोचता हूँ, मेरी लेखनी तुझे हीं लिखती है,
अपने कितने दर्द बयां करता हूँ. तब ये इतनी महंगी बिकती है।
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सच में ये वो तो नहीं जो इन्हें बताया गया है
जाने क्यूँ इन्हें कामर्स का सर बनाया गया है,
स्वभाव की भाँति आपकी लेखनी बेमिसाल है
कोई गौर से देखे तो इश्क से भरी एक जाल है,
आपकी खूबसूरती को लोगों को बताएँ कैसे
आपके प्रति अपने लगाव को जताएँ कैसे,
आप इतने बड़े हैं कि आपको सताएँ कैसे
आप जो रूठ गये तो आपको मनाएँ कैसे,
मेरा प्रयास अच्छा लगे तो आभार जताइयेगा
कोई कमी हो इसमें तो मुझसे जरूर बताइयेगा।-
इस बेनजीर के बारे में हम क्या कहें
यह एक तिलिस्मी सच का हिस्सा है,
क्या बताऊँ मैं इस हम-नफस के बारे में
यह तो हमारा एक बहुत बड़ा किस्सा है,
इनके काविश से हम छोटे कातिब बनें
इनका अपनो से अलग एक खास रिश्ता है,
ये हमारे लिए बहुत बेनजीर महताब हैं
और ये हमारे लिए हिज्र की तृष्णा है।
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आपको जन्मदिन पर क्या तोहफा दूँ,
सोचा testimonial लिख चौंका दूँ,
आप काफी दुख महसूस कर रहीं हैं..
तो आपको खुश होने का एक मौका दूँ।
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मेरी दोस्ती तो काफी तिलिस्मी है,
पर कुछ लोग इसके काबिल नहीं।
मुझे तो उससे खुद के इश्क ने मारा
वो बेवफा है, पर मेरी कातिल नहीं।
कल अपने सपने में मरा पड़ा था मैं
कुछ मेरे हीं जनाजे में शामिल नहीं।
चांद भी तो सूरज के बिना अधूरा है,
इसीलिए उसके बगैर मेरी तकमील नहीं।
क्या कहा तुमने उसको भुला दूं मैं...
जाओ 'अभिनव' इतना जाहिल नही।
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आपके लेखनी की शालीनता लिखने में,
आज के दिन थोड़े से कायर हो गए हम।
आपकी लिखावट को पढ़ते-पढ़ते हीं तो
आज छोटे से इतने बड़े शायर हो गए हम।
अब यहाँ आपके बारे में इन छोटे हाथों से,
शब्दों द्वारा कहां कुछ लिखा जा सकता है
हां हम तो बहुत दूर हैं आपकी आंखों से,
कहां कोई भी तोहफा दिया जा सकता है।
अगर आपका ऐसा हीं साथ मिलता रहा,
तो कसम से हम हमेशा लिखते ही रहेंगे।
अगर अपनी दोस्ती में ऐसा हीं मिठास रहा,
तो हम हमेशा आपसे कुछ सीखते ही रहेंगे।-