QUOTES ON #ओळकवि_राम

#ओळकवि_राम quotes

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3 APR 2020 AT 10:54

हम औरत है।
समाज का बडा हिस्सा हू मे । समाज की निर्माणकारी हू मे ।।
समाज मे जो भी दुःख दर्द है । सहने की आदत हे हमे ।।
हम औरत है ।।

शांती का प्रतिरूप हू मे । क्रांती की ललकारी भी हू मे ।।
वक्त पे सावित्री, वक्त पे रमाइ । कभी इंदिरा तो कभी राणी लक्ष्मीबाई बनणे की आदत हे हमे ।।
हम औरत है ।।

इस मिट्टी की माई भारत माता हू मे । इस मिट्टी को जगानेवाली सरोजिनी भी हू मे ।।
भारत का झेंडा वसुंधरा पे लहरानेवाली सुषमा भी हू मे ।
घर के साथ देश चालणे की आदत हे हमे ।।
हम औरत है ।।

भारत रंगे फूल का गुलदस्ता हे । उस फूल की रंगकारी हू मे ।।
हम रंगकारी को उखडनेकीं कोशीश ना करना ।
वरणा लाल रंग के इस्तेमाल की आदत हे हमे।।
हम औरत है।।

आदमी की तरक्की के पीछे का करण हु मे ,और ना हू बरबादी का ।
गलती करता तो आदमी है, हम नही ।
फिर भी सजा पानेकीं आदत हे हमे ।।
हम औरत है ।। -
रामेश्वर काळे
(ऊन सभी औरतोको समर्पित जो खुद के औरत होनेपर नाज करती हो)

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19 SEP 2020 AT 8:46

ऐ जिंदगी....
दिन बस गुजर रहे थे,
राते खामोश थी हमारी,
रातों को सुलझने गया तो,
दिन बिगड़ गए हमारे,
अब ना रात ना दिन की फ़िक्र है
ख़ामोशी छायी है मगर
दिल में सुकून है क्योंकि,
तू जो आयी है,
ऐ जिंदगी....

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21 SEP 2020 AT 7:32

वो एक पल था,
जिंदगी खुशियोसे थी भरी,
रिश्ते थे उचाईके टोक पे,
सब का था साथ हमें,
ज़ब पूंजी हमारी भरी थे पैसो से

आज पैसो ने साथ छोड़ा तो
जिंदगी और रिश्ते खत्म से होने लगे है
ना ही है किसी का साथ
पूंजी बस उन्ही यादो से भारी है
और जिंदगी उन्ही पल पे ख़डी है
वो एक पल था

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20 SEP 2020 AT 0:30

अगर कर्म को ही जीने का धर्म बनाओगे तो जिंदगी तत्वों की कहानी बन जाएगी।

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20 SEP 2020 AT 19:26

एक ख्वाब, एक याद,
एक बात, एक रात,
कभी ख्वाब था अब याद बनी है
बाते होती थी हर सुबह कैसे बीते हमारी राते
क्या अजीब है ना??? ...

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22 SEP 2020 AT 8:42

बहुत सा वक़्त मेरा यही सोचने में खर्च होता है
की उसकी सोच में अपना वक़्त नही खर्च करना है

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22 SEP 2020 AT 8:02

जिंदगी हर दिन मार रही है
मार भी अब असहय हो रही
क्यों नहीं एक बार तुम आके,
जिंदगी पूरी कर देती

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3 APR 2020 AT 10:10

फुल लेरे क्षण माझे नभ गगणाच्या नजरेने !
दिवस गेले रे माझे कोरोनाच्या भीतीने !!
घरात बसून बसून क्षण दिवसागन मोठे झाले !
अर्ध्या दिवसातच इंटरनेट मी खतम केले !!
कुणाशी वदावे हे दुःख माझे !
दुःख ऐकणारे दरवाजा आड गेले !!
फुल लेरे क्षण माझे नभ गगणाच्या नजरेने....,

घराबाहेरचा रस्ता हाक मारे मजसी !
पोलिस दंडा बघता दडतो मी आडोशी !!
पोलिसांच्या दांड्याने आरे ते सुजले सारे !
पाहून युट्यूबवर गार मी झालो !!
फुल लेरे क्षण माझे नभ गगणाच्या नजरेने..
#सहजच_बसल्या_बसल्या

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3 APR 2020 AT 10:46

हम देखेंगे,
हिंदुस्तान हमारा देश है !किसी के बाप की जागीर नही !!
हमारी निष्ठा पूछनेकी आपली आउकत नहीं !
हम देश मे अपने रहेंगे !
हम देश को अपने साजायेंगे औ र पडदा धरी को नंगा कर्वके फिर से काहेंगे

हम देखेंगे,
भारत माता की जय हमारा नारा हैं! रोज रटना राष्ट्रभक्ती नही !
राष्ट्रगान तो गायएंगे जरूर लेकीन बस आपके कहणे से नही।।
गौ हमारी माता मगर, इन्सानियत से आगे फिर भी नहीं !!
राष्ट्रभक्ती का सही मतलब सबको समझायेंगे ,
ऐहिकता का पाठ सबको पढ वायेंगे
हम देखेंगे.
इस देश को बढते देखेंगे। इन लोगो का बढना चाहेंगे।।
न्याय की अनमोल मांग मे । इस राष्ट्र को बनता देखेंगे।।
हम हक अपना जताऐंगे । हम देश को राष्ट्र बनाऐंगे ।।

--- रामेश्वर काळे

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3 APR 2020 AT 15:10


यू ही अकेला चल रहा था मे !
साथी धुंडणेकी रांहपर !!
क्योकी सडक से उबग गया था में !
राह पे तो राही ना मिला !!
पर सडकने ना साथ छोडा !
साथ चली राह बनकर !!

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