ऐसा भी क्या है,,,
जो मुझे सताने पे आ गए
सताते सताते रूलाने पे आ गए
रुलाते रुलाते छोड़ने पे आ गए
छोड़ते छोड़ते अकेले करने पे आ गए
ऐसा भी क्या है,,,
जो मुझे अकेले करते करते दिल तोड़ने पे आ गए
दिल तोड़ते तोड़ते ज़ख्म देने पे आ गए
ज़ख्म देते देते दर्द बनने पे आ गए
दर्द बनते बनते मुझे तोड़ने पे आ गए
ऐसा भी क्या है,,,
जो मुझे तोड़ते तोड़ते सबसे दूर करने पे आ गए
दूर करते करते दूरियां बनाने पे आ गए
दूरियां बनाते बनाते मुझे तन्हा करने पे आ गए
तन्हा करते करते हाथ छुड़ाने पे आ गए
ऐसा भी क्या है,,,-
10 MAY 2021 AT 18:17