तेरे जाने के बाद...
क्यों तेरे बिछड़ जाने पर,
बार बार रोता है यह दिल?
आज भी याद आती है तेरी,
पर तरस गई निगाहें तुझे देखने को।-
सपने अधूरे पन्नों पर...
न जाने सपने कौन कौनसे अधूरे है,
कौन कौन से पूरे हो गए।
किताब अभी भी खत्म नहीं हुई,
शायद पन्ने अभी भी अधूरे है।-
गम का साथ...
दो घूंट का सहारा है,
गम भुलाने के लिए।
दो घूंट पीने के बाद,
सिर्फ गम का ही सहारा है।-
हौसला अभी बाकी है,
पर हिम्मत टूट रही है।
कोशिश लाख करता हूं,
पर मंज़िल अब मेरी नहीं है।-
बात यह है कि...
अगर जो गलती करो तो,
खुद से मानना सीखो।
दूसरों के कांधे पर तो,
लाश भी सफर तय करती है।-
दोस्त मायूसी के...
मायूसी कभी अकेले नहीं आती,
संग अपने दो चार दोस्त ले आती है।
आसूं, डर, अकेलापन और न जाने कितने,
दोस्तो संग मुझे बहुत तड़पाती है।।-
यूं नही के ज़माना बदल गया,
ज़माना तो वही है पर,
नज़रिया बदल गया।
नज़रिया बदल गया पर,
ठिकाना वही है,
उसी ठिकाने पर बस,
मकान बदल गया।
उसी मकान में,
तस्वीरों का खजाना बदल गया,
तस्वीरों को देखने का,
परिवार बदल गया।-
ज़माना अंजान
ज़माने ने लाख कोशिश की,
हमें मात देने की।
ज़माना क्या जाने हमारी ताकत,
हम भी तो ढीठ है।-
रिश्तों के विशाल समुद्र में,
ज़िंदगी का चप्पू चला रहा हूं।
लहरों से झुझते झुझते,
अपनो से ही दूर चला जा रहा हूं।
रिश्तों को संभालते संभालते,
खुद को ही नष्ट करता जा रहा हूं।
दूसरों को हंसाते हंसाते,
मैं खुद को ही रुलाता जा रहा हूं।-
अनकही कहानियों के सहारे,
सफर पर अकेला चल पड़ा हूं।
कुछ कदम चलने के बाद,
अपने ही साए को ढूंढ रहा हूं।-