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22 JUL 2020 AT 20:37
हमें महफूज़ रखने की बातें बोलकर ,
भरोसे में वो इज्ज़त लूट जाते हैं ,-
26 AUG 2020 AT 23:12
उजाले की आदत उन्हें ऐसी लगी
कि वो भूल गये अंधेरे की छवि,
ना जाने कैसे धूमिल हो गयी
उनके ज़ेहन से उनके बचपन की
घड़ी (वक़्त)
जिन अंधेरों में उनकी माँ ने
मन के उजाले से की थी बड़े प्यार से
उनकी परवरिश-