#आदिवासी_गौरव_दिवस
तेरे पैंतरे को तेरे दंगल को खूब समझते हैं
हम आदिवासी जंगल को खूब समझते हैं
ये ज्योतिष हमें ग्रहों की चाल मे मत उलझा
हम,सूरज,चांद,मंगल को खूब समझते हैं
ये बनावटी दाहड से हमे न डरा , न धमका
हम शेरों के साथ रहते हैं, शेर की भाषा खूब समझते हैं
उससे कहो मैदानी झडप की कहानियाँ न सुनाए
कंदराओं/दर्रे के लोग हैं गुरिल्ला युध्द को खूब समझते हैं
चुनौती के सामने समर्पण नहीं,हम प्रत्यंचाओ पर तीर धरते हैं
इतिहास बनाना और भूगोल कैसे बदलना हम खूब समझते हैं..!!-
13 NOV 2021 AT 1:47