जब रहा था मैं तन्हां, उसने भुला दिया मुझे,
फिर वो हुआ अकेला, और मेरी याद आई।-
वादा कर के वादा तोड़ देता हूँ मैं,
ठहर कर कुछ दिन, शहर छोड़ देता हूँ मैं।-
आग लेकर बैठा है दिल में हर इंसान,
फूँकने को चाहिए बस एक मकान।-
गाड़ी, चश्मा, टोपी इंतज़ाम सारे हैं,
हमारी गली के लड़के अभी कुँवारें हैं।
बेटियां साथ लेकर चलती हैं हिदायतें,
बेटे आज भी माँ बाप के दुलारें हैं।-
बेशक मत करो मुझसे मोहब्बत तुम,
जो टूट कर बिखर जाऊ तो समेट लेना।-
खिलखिलाती थी हवेलियाँ खूबसूरती से कभी,
आज मायुस से वहाँ खंडहर नज़र आते है।-
बादल सा मैं बरसुं, बन बूँद पिघल जाऊँ,
तेरे गालों को छूकर होंठों पर फिसल जाऊँ।-
हाल सुनाते थे जिसकी कयामत बाँहों का,
आज उसके बच्चें हमें मामा बुलाते है।-
वादा कर के वादा तोड़ देता हूँ मैं,
ठहर कर कुछ दिन, शहर छोड़ देता हूँ मैं।-
ये जो चल रहा है मेरे संग हर वक़्त,
तुम हो या तुम्हारा साया है,
साया ही होगा शायद,
मेरे नसीब में तुम हो भी कहा।
या तुम ही हो हकीकत में मेरे संग,
चांद तारे मिलते तो नही हर किसी को,
मगर टूट कर आ भी जाते है जमीं पर,
तुम कहीं वो टूट हुआ तारा तो नही,
जो आ गिरा आसमान से कही।
जल रहा है बदन तुम्हारा इस तरह,
मानों तप रहे हो तुम सदियों से।
तुम्हे तोड़ दिया या टूट पड़े हो खुद ही,
अच्छा होता है कभी टूट कर बिखर जाना।-