डॉ अवधेश कुमार शर्मा   (Dr Avadhesh K Sharma 'ध्रुव')
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Joined 14 December 2016


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Joined 14 December 2016

BEAUTY might be
the FIRST impression
but the LAST impression
is your CHARACTER.

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एक ग़ज़ल-
हमें हर बात का मतलब समझना चाहिए था,
हमारी याद का तूफ़ां गुज़रना चाहिए था।

मिले थे ज़िन्दगी के मोड़ पर बनकर मुसाफ़िर
हमें उस मोड़ पर फिर से बिछड़ना चाहिए था।

नहीं था फासला ज्यादा हमारें बीच में तब,
हमें इक बार दरिया में उतरना चाहिए था।

नहीं थी प्यार करने की हमारी उम्र वो भी,
हमें इक बार तो खुद से मुकरना चाहिए था।

कहा था जी न पाएंगे बिना अब हम तुम्हारें,
हमें वादे की खातिर आज मरना चाहिए था।
बह्र 1222 1222 1222 122

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"मेरी माँ"
बचपन में शरारत जब भी कर देता था,
आँचल में अपने छिपा लेती थी मेरी माँ...।
बीमार जब भी मैं होता था,
जागकर रातभर सर वो मेरा सहलाती थी,
बुलाकर शहर के सारे नीम हकीमों से,
झाड़ फूँक करवा देती थी मेरी माँ...।
कुछ करना था, कुछ बनना था,
हो गया हूँ दूर अब घर से भी,
तस्वीर मेरी जो रखी है घर पर,
सारा दिन उसे बहुत निहारती है मेरी माँ...।
स्कूल जाते नन्हें बच्चों में मुझे अब भी देखती है,
घर के दरवाजें पर आज भी इंतज़ार करती है मेरी माँ...।
रात में जब भी उसकी याद सताती है,
नींद में चौंक कर उठ जाती है मेरी माँ...।
दुनिया की भागदौड़ में अब वक़्त कहाँ मिल पता है,
पर मुझसे बात किये बिना सोती भी तो कहाँ है मेरी माँ...।
आँखों में आँसू, होंठों पर दुआ,
आसमान से भी ज्यादा बाहेँ फैलायें ,
सागर सा निश्छल प्यार करती हैं,
जींस और लैदर की जैकेट पहन कॉलेज जाता हूँ,
पर मेरे लिए स्वेटर आज भी बुनती है मेरी माँ...।
मैं यहाँ पिज़्ज़ा हट, मैक डी दोस्तों संग जाता हूँ,
लम्बी उम्र के लिये मेरी उपवास वो रहती है,
लोग शीश झुकाते हैं पत्थरों के आगे,
मेरे लिए तो भगवान की मूरत है मेरी माँ...।
©ध्रुव

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मुस्कुरा भी देता हूँ कभी देखकर उसको,
हर बार छिपकर ही देखुँ जरुरी तो नहीं।

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चुप चुप रहकर उनका हमें सताना,
ठीक हूँ मैं कहकर ऐतराज जताना,
मोहब्बत का है ये भी एक अंदाज,
उनका रूठना हमारा मनाना।

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पहनने-बोलने का सारा ढंग आ गया,
घर मे आई बहु, जेठ ससुर खाँसने लगे।

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खुला रह गया एक दिन घर का ताला,
चोर सारे मिलकर खुशी से नाचने लगे।

जैसे ही शुरू हुई कैमरे की रिकॉर्डिंग,
एक केला लेकर सारे नेता बांटने लगे।

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★कोरोना पर तीन दोहें★
कोरोना से युद्ध में, देना है जो साथ।
साबुन से हर बार तुम, भाई धोवो हाथ।।

बड़े बूढों की अब तो, मान ले यार सीख।
तुझको है जुकाम अगर, मुँह ढक कर के छींक।।

कोरोना का एक है, केवल ये उपचार।
लॉक डाउन में करना, दूर से नमस्कार।।

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Get Ready to Go Off-Road,
There is No Highway for Success.
#Defended_Successfully

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