जब सब दौड़ रहे थे कुछ पाने को,
हाँ अब वो आराम कर रहे थे;
अपनी भागदौड़ खत्म कर अब,
अपनों संग वो वक्त गुजार रहे थे;
खुश थे वो सारी समस्या से दूर,
थोड़े वक्त के लिए ही सही साथ बैठकर;
वो जीने का इक नया तरीका खोज रहे,
हाँ हमउम्रों संग वो अपनी सेहत सुधार रहे...-
14 MAR 2020 AT 17:51